कला और कलाकारों का सम्मान भारतीय संस्कृति की परम्परा: राज्यपाल

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बीबीएन,बीकानेर, 15 अप्रैल। राज्यपाल  हरिभाऊ बागडे ने कहा कि कला और कलाकारों का सम्मान भारतीय संस्कृति की परम्परा रही है। शिल्पी  अरुण योगीराज को पीएचडी की पहली मानद उपाधि प्रदान कर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय ने इस परंपरा का बेहतर निर्वहन किया है। राज्यपाल ने मंगलवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में  अरुण योगीराज के मानद उपाधि सम्मान कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि  योगीराज इस उपाधि के लिए सर्वथा योग्य हैं।  योगीराज ने अत्यंत कम उम्र में शिल्प की गहरी साधना की है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में  योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति जीवंत है। उन्होंने  योगीराज के कला कौशल्य की सराहना की और कहा कि हमारे देश में हजारों वर्षों से अच्छी मूर्तियां बनाने की परंपरा रही है। आज भी देश और प्रदेश में ऐसे कलाकार हैं, जिनकी कला को बेहतर पहचान मिली है। राज्यपाल ने कहा कि  योगीराज सिर्फ एक मूर्तिकार नहीं बल्कि भारतीय शिल्प कला की समृद्ध परंपरा के जीवंत प्रतीक हैं।  योगीराज ने मूर्तिकला की विरासत को अपनाया और इस नई ऊंचाइयां दी। 
राज्यपाल ने कहा कि  योगीराज को दिए गए अभिनंदन पत्र को विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शित किया जाए, जिससे युवा विद्यार्थियों को प्रेरणा मिले और वे भी इनका अनुसरण कर सकें। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान शूरवीरों की धरती है। यहां के अनेक देशभक्तों ने देश धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। ऐसे देशभक्ति की तस्वीरें भी विश्वविद्यालय में लगाई जाएं, जो कि युवाओं का प्रेरणा स्त्रोत बन सकें।  मानद उपाधि प्राप्त करने के पश्चात  अरुण योगीराज ने कहा कि यह भारत की समृद्ध कला परंपरा का सम्मान है। उन्होंने कहा कि वह पांच पीढ़ियों से शिल्प की साधना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों श्रद्धालु रामलला की प्रतिमा के प्रति श्रद्धा रखते हैं, यह उनके लिए सौभाग्य का विषय है। 
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि  योगीराज ने लोह पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, केदारनाथ में आदि शंकराचार्य, अमरनाथ में नंदी की प्रतिमा भी बनाई। उन्होंने कहा कि योगीराज ऐसे ऋषि हैं, जिन्होंने अपनी शिल्पकला के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत की संजीता और मूल्यों को विशेष पहचान दी है।  इससे पहले राज्यपाल ने  अरुण योगीराज को पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की। डॉ.मेघना शर्मा ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। कुलसचिव  अरविंद बिश्नोई ने आगंतुकों का आभार जताया।
कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री  जोराराम कुमावत, बीकानेर (पश्चिम) विधायक  जेठानंद व्यास, जिला कलेक्टर  नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक  कावेंद्र सागर, लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद, चंपालाल गेदर, डॉ. विमला डुकवाल, विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुल सचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, अमित व्यास सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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