सशस्त्र बलों को सुपर सिंक कर देगा नया कानून, 27 मई से पूरे देश में लागू

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बीबीएन, नेटवर्क, 28 मई। भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक ऐसा कदम उठा लिया है, जो थल-सेना, वायु-सेना और नौ-सेना—तीनों को एक ही छतरी के नीचे लाकर दुश्मन को करारा जवाब देगा। 
सरकार ने ‘अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण व अनुशासन) अधिनियम 2023’ के तहत बने नियमों को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम 27 मई से लागू हो चुके हैं और माना जा रहा है कि इससे सेनाओं का तालमेल historically मजबूत होने जा रहा है।
क्यों है यह बड़ा फ़ैसला?
तीनों सेनाएँ अब साझा रणनीति और तेज़ तर्रार कार्रवाई के लिए एक ही कमान के नीचे काम कर सकेंगी। अब कमान-इन-चीफ़ को अतिरिक्त पावर  मिलेंगे ,अब वे किसी भी सेवा-विशेष की शर्तों में फँसे बिना अपने अधीन सैनिकों पर अनुशासन कायम रख सकेंगे।
तीव्र निर्णय-प्रक्रम: अंदरूनी अनुशासनात्मक मामलों का निपटारा चुटकियों में, यानी कोर्ट-मार्शल व अन्य कार्रवाइयों में कम देरी।
सीधी टक्कर के लिए तैयार भारत: संयुक्त ऑपरेशन प्लानिंग से दुश्मन को ‘एक-साथ, एक-झटके’ वाली मार देगा।
क्या बदलेगा जमीनी हकीकत में?
नया अधिनियम आईएसओ के कमांडर-इन-चीफ़ और ऑफिसर-इन-कमांड को यह कानूनी ताक़त देता है कि वे अपनी यूनिटों पर सीधा नियंत्रण रखें—चाहे जवान किसी भी सेवा से हों। इससे फ़्लैश-रिस्पॉन्स की क्षमता बढ़ेगी, फालतू फाइल-दौड़ घटेगी और तीनों सेनाओं का सिंगल-फोर्स इफ़ेक्ट दुश्मन को चौंका देगा। जानकार मानते हैं, यह कदम ‘वन-इंडियन-आर्म्ड-फोर्स’ विज़न की ओर मजबूत छलाँग है। रक्षा विशेषज्ञों की नज़र में, यह न सिर्फ़ प्रशासनिक सुधार है, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति को एक नई धार देने वाला फैसला भी है। आने वाले समय में इसका असर सीमा की हर चौकी पर और देश की सुरक्षा रणनीति में साफ़-साफ़ दिखेगा।
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