ऊर्जा के नक़्शे पर चमका जैसलमेर: बाखरी टिब्बा में प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू

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  •  जैसलमेर के बाखरी टिब्बा ब्लॉक में ऑयल इंडिया लिमिटेड ने शुरू किया प्राकृतिक गैस का उत्पादन
  • 1 जून से शुरू हुई परियोजना ने आत्मनिर्भर ऊर्जा अभियान को दी नई गति
  •  प्रति दिन 67,200 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस उत्पादन की शुरुआत, जल्द होगा विस्तार
  • गेल इंडिया लिमिटेड और राजस्थान विद्युत निगम को की जा रही है आपूर्ति
  •  डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स (DSF-III) नीति के तहत संचालित हो रही है यह परियोजना
बीबीएन, नेटवर्क, 6 जून। सूबे के सीमांत जिले जैसलमेर ने अब सिर्फ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और रेत की लहरों से नहीं, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश का ध्यान खींचा है। ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने जैसलमेर के बाखरी टिब्बा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस का उत्पादन प्रारंभ कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। यह पहल 1 जून से शुरू हुई और इससे भारत की आत्मनिर्भर ऊर्जा नीति को नया आयाम मिला है।
यह परियोजना केंद्र सरकार की डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स (DSF-III) योजना के अंतर्गत संचालित हो रही है, जिसका लक्ष्य है—छोटे और अब तक अनछुए हाइड्रोकार्बन संसाधनों को उपयोग में लाना।
सीमा के पास, गैस के नए भंडार की खोज
थार मरुस्थल की कठिन परिस्थितियों के बीच स्थित बाखरी टिब्बा ब्लॉक, भारत-पाक सीमा के निकट बसा है। ऐसे दुर्गम स्थल पर गैस उत्पादन की शुरुआत अपने आप में एक उपलब्धि है। OIL ने रिकॉर्ड समय में तीन मल्टी-वेल पैड्स (MWP) की ड्रिलिंग पूरी कर ली है, जिससे प्रतिदिन 67,200 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन प्रारंभ हो गया है।
यह गैस गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL) और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) को आपूर्ति की जा रही है। कंपनी का लक्ष्य निकट भविष्य में उत्पादन को 1 लाख क्यूबिक मीटर प्रतिदिन तक पहुँचाना है।
रेगिस्तान में संकल्प की सफलता
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया मंच X पर इस उपलब्धि को “OIL की प्रतिबद्धता, परिश्रम और उत्तरदायित्व का परिचायक” बताया। उन्होंने लिखा कि "रेगिस्तान की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भारतीय इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों ने जिस लगन से यह काम किया है, वह सराहनीय है।"

उन्होंने आगे कहा, “OIL की टीम प्रत्येक दिन कठिन हालातों में कार्य कर देश को सतत ऊर्जा आपूर्ति की दिशा में आगे बढ़ा रही है। हर उत्पादित गैस अणु, भारत को ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और ले जाता है।”
जैसलमेर को मिली नई पहचान
जैसलमेर के पूर्व शाही परिवार के सदस्य चैतन्यराजसिंह भाटी ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए सोशल मीडिया पर बधाई संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सिर्फ ऊर्जा उत्पादन नहीं, बल्कि जैसलमेर के स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए नई उम्मीद भी लेकर आई है। रेगिस्तान की विषम जलवायु, सीमित संसाधनों और लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद OIL ने स्वदेशी तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है। यह न केवल जैसलमेर, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है।
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