
बलजीत गिल.
बीबीएन, नेटवर्क, 6 अगस्त। देश की सरहदें सिर्फ बाहर से नहीं, भीतर से भी खतरे में हैं। राजस्थान की धरती पर पिछले 15 वर्षों में दर्जनों ऐसे चेहरे बेनकाब हुए हैं, जिन्होंने चंद पैसों, लालच या कमजोर सोच के चलते देश से गद्दारी की। कहीं ISI के इशारे पर सेना की जानकारियाँ बेची गईं, तो कहीं व्हाट्सएप और फेसबुक पर “हनीट्रैप” की आड़ में मुल्क के राज सौंप दिए गए। सवाल ये है कि कब तक भीतर के ये भेदी देश को खोखला करते रहेंगे?
महेंद्र,जैसलमेर, 2025
DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर महेंद्र को सोमवार को अरेस्ट किया है। जिससे जासूसी के कई गंभीर मामले सामने आए हैं। यह मामला केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका है। DRDO, RAW, IB, मिलिट्री इंटेलिजेंस और राजस्थान पुलिस की SOG संयुक्त रूप से जांच में जुट गई है।
नरेंद्र कुमार (Bikaner-खजुवाला)
आम नागरिक ISI को सीमा क्षेत्र की तस्वीरें, BSF पोस्ट आदि साझा 2023 सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी महिला हैंडलरों द्वारा honey trap के तहत संपर्क, Official Secrets Act में मामला
श्रन्तिमय राना (Army jawan।
Jaipur/Jodhpur संबंधित)
सेना जवान ISI महिला एजेंट को सैन्य दस्तावेज व तस्वीरें भेजे 2022 सोशल मीडिया honey-trapping के ज़रिए संपर्क, आधिकारिक सचिवता अधिनियम के तहत मामला
आकाश मेहरिया (Sikar)
सेना जवान ISI एजेंट को गोपनीय सैन्य जानकारी दी 2021 फेसबुक honey trap; राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया
विकास कुमार (Civil Defence, Ganganagar) ओर
चिमन लाल (Bikaner)
कर्मचारी ISI के लिए ब्रितानियाँ सैन्य जानकारी साझा करते हुए गिरफ्तार, 2020 फेसबुक पर Pakistani profile से जानकारी सांझा की।
पथान खान — जैसलमेर, 2025
देश की रगों में ज़हर घोलने वाले इस शख्स ने ISI से सांठगांठ कर लगातार सेना की गतिविधियाँ, बॉर्डर मूवमेंट और संचार नेटवर्क की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई। बदले में जेबें भरी जाती रहीं।
— गिरफ्तार, पूछताछ जारी। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा।
शाकूर खान — सरकारी बाबू बना पाक एजेंट, जैसलमेर, 2025
राजस्थान सरकार का कर्मचारी और कांग्रेस नेता का पूर्व सहायक—शाकूर खान—ने अपने पद का दुरुपयोग कर संवेदनशील दस्तावेज पाकिस्तान पहुंचाए। सात बार पाक जाकर क्या लाया, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
— OSA के तहत केस, देशद्रोह की धाराओं में गिरफ्तार।
गादरी और शेखावत — भीलवाड़ा और जोधपुर, 2022
सोशल मीडिया पर नकली लड़कियों की आईडी बनाकर सेना के जवानों को फंसाया, और फिर उनसे गोपनीय जानकारियाँ निकलवाई। ये सिर्फ जासूसी नहीं, सीधा-सीधा राष्ट्रविरोधी अपराध है।
— इंटेलिजेंस की कार्रवाई के बाद भंडाफोड़।
शांति मोई राना — वर्दी में गद्दार, 2022
सेना की वर्दी पहनने वाला ये जवान पाकिस्तानी महिला एजेंट के प्रेमजाल में ऐसा फंसा कि सेना की फोटोज़ और दस्तावेज़ सीधे ISI को भेज बैठा। क्या इसे सिर्फ “लापरवाही” कहकर छोड़ा जा सकता है?
— आर्मी इंटेलिजेंस ने किया गिरफ्तार।
सत्यनारायण पालीवाल — जैसलमेर, 2021
42 साल का यह आदमी वर्षों से पाकिस्तान के इशारे पर सेना की जानकारी चुराता रहा। मोबाइल में मिली सामग्री ने सारी पोल खोल दी।
— जांच एजेंसियों ने लाठी गांव से दबोचा।
नवाब खान (2019): झुंझुनूं से पाक को लगातार सूचनाएं भेज रहा था।
मोहम्मद यूनुस (2022): किशनगढ़ में मोबाइल स्टैंड चला कर फर्जी सिम से जासूसी करता रहा।
रोशन खान (2013): बारमेर में वर्षों तक ISI के लिए काम करता रहा।
इनके भीतर देशभक्ति मर क्यों गई?
इन घटनाओं ने ये साफ कर दिया है कि दुश्मन सिर्फ सीमा पार नहीं बैठा है। वो हमारे बीच है—सरकारी कुर्सियों पर, बाजारों में, वर्दी में। ये सिर्फ चंद “गद्दारों” की कहानी नहीं, ये उस लापरवाह व्यवस्था की भी पोल है जो समय रहते इनकी पहचान नहीं कर सकी।