
किम का क्रूर आदेश: बड़ी छाती वाली महिलाओं की होगी जांच, दोषी मिलने पर सजा
बीबीएन, नेटवर्क, 2 अक्टूबर। उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग उन का शासन लगातार बर्बरता की नई परिभाषाएं गढ़ रहा है। अब उसने महिलाओं के शरीर पर भी प्रतिबंधों का शिकंजा कस दिया है। किम ने एक ताजा आदेश में कहा है कि जो महिलाएं स्तन प्रत्यारोपण (Breast Implant) करवाती हैं, उन्हें सीधे गुलाग यानी जबरन श्रम शिविरों में भेज दिया जाएगा।
तानाशाह ने इस प्रक्रिया को “गैर समाजवादी” और “बुर्जुआ” संस्कृति का प्रतीक करार देते हुए अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि देश में सभी महिलाओं की जांच की जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन महिलाओं के स्तनों का आकार “प्राकृतिक नहीं” लगेगा, उन्हें जांच के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा और दोषी पाए जाने पर कठोर सजा दी जाएगी।
इस आदेश के बाद उत्तर कोरिया में महिलाओं के बीच दहशत का माहौल है। सूत्रों के अनुसार, अब तक दो महिलाओं और एक डॉक्टर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से स्तन प्रत्यारोपण करवाया और करवाया। अदालत ने महिलाओं के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने अपने शरीर को बेहतर दिखाने के लिए यह प्रक्रिया करवाई थी।
जानकारी के मुताबिक, जिस डॉक्टर पर आरोप है, वह कोई प्रमाणित चिकित्सक नहीं बल्कि मेडिकल स्कूल ड्रॉपआउट है। उसने पढ़ाई छोड़ने के बाद चीन से सिलिकॉन और सर्जिकल उपकरण मंगवाकर अपने घर में ही प्लास्टिक सर्जरी का धंधा शुरू कर दिया था।
उत्तर कोरिया में यह प्रक्रिया पहले से ही अवैध घोषित है, लेकिन इसके बावजूद महिलाएं गुपचुप तरीके से इसे करवा रही थीं। अब शासन ने ऐसे मामलों को “राज्य-विरोधी अपराध” मानते हुए सार्वजनिक अपमान और दंड का प्रावधान किया है। किम जोंग उन का यह नया फरमान इस बात का प्रमाण है कि देश में व्यक्तिगत स्वतंत्रता नाम की कोई चीज़ बाकी नहीं बची। अपने ही शरीर पर निर्णय लेने का अधिकार तक महिलाओं से छीन लिया गया है।
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