
बीबीएन, बीकानेर। भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान के चेतक कॉर्प्स ने राजस्थान के रेगिस्तान में ‘कैपेबिलिटी एन्हांसमेंट डेमोंस्ट्रेशन’ कर अपनी तकनीकी ताकत का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में ड्रोन रोधी तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं प्रमुखता से सामने आईं।
इस अभ्यास को सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने देखा और सेना के जवानों द्वारा विकसित अत्याधुनिक क्षमताओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास भविष्य की युद्ध स्थितियों में भारतीय सेना को तकनीकी बढ़त दिलाने में मदद करेगा।
सेना की दक्षिण-पश्चिमी कमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि इस अभ्यास में ड्रोन युद्ध में ‘कामीकाजे’ तकनीक और अत्याधुनिक काउंटर-ड्रोन प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।
लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने सभी प्रतिभागियों को उनके समर्पण के लिए सराहा और उनसे भविष्य में भी उच्च मानकों को बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी नवाचार, सटीकता और आत्मनिर्भरता ही सेना की भविष्य की शक्ति हैं। उल्लेखनीय है कि चेतक कॉर्प्स भारतीय सेना की दक्षिण-पश्चिमी कमान की प्रमुख इकाई है, जो मुख्य रूप से पंजाब और राजस्थान की पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाती है।