
बीबीएन, नेटवर्क , 12 अगस्त। भारतीय रक्षा तंत्र में एक बड़ा बदलाव जल्द दस्तक देने वाला है। दशकों से आकाश में भरोसेमंद उड़ान भरने वाले ‘चेतक’ और ‘चीता’ हेलीकॉप्टर अब इतिहास बनने की ओर हैं। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि इन पुराने हेलीकॉप्टरों की जगह आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को शामिल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
रक्षा मंत्रालय ने 200 नए हल्के हेलीकॉप्टरों, जिन्हें टोही एवं निगरानी हेलीकॉप्टर (RSH) भी कहा जाता है की खरीद के लिए सूचना हेतु अनुरोध (RFI) जारी किया है। योजना के तहत 120 हेलीकॉप्टर भारतीय थलसेना और 80 भारतीय वायुसेना में तैनात होंगे।
हर परिस्थिति में मिशन पूरा करने की क्षमता
आरएफआई में साफ किया गया है कि ये हेलीकॉप्टर दिन और रात, दोनों समय टोही, निगरानी, खोज एवं बचाव जैसे कार्यों के साथ छोटे सैनिक दस्तों, त्वरित प्रतिक्रिया दल और विशेष अभियानों के लिए उपयुक्त होंगे। ये आंतरिक व बाहरी भार उठाने, जमीनी अभियानों में सहयोग देने और हमलावर हेलीकॉप्टरों के साथ मिलकर रणनीतिक टोही करने में सक्षम होंगे।
संभावित आपूर्तिकर्ताओं में ऐसे मूल उपकरण निर्माता (OEM) और उनसे साझेदारी करने वाली भारतीय कंपनियां शामिल होंगी, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देंगी।
पहले से तय थी आधुनिकीकरण की दिशा
मार्च 2025 में संसद में पेश रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर, प्रशिक्षण विमान, मिसाइलें, मानव रहित हवाई वाहन और रडार सहित कई रक्षा प्रणालियों का स्वदेशी निर्माण कर रही है।
इसी साल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 45,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी भी दी थी। अब चेतक और चीता के स्थान पर आधुनिक तकनीक से लैस हेलीकॉप्टर भारतीय सेनाओं के बेड़े में नई उड़ान भरेंगे।