
SEBI ने 18 शहरों में 89 फर्जी संस्थाओं पर कसा शिकंजा
बीबीएन, नेटवर्क,12 अगस्त। शेयर बाजार में निवेशकों को तेजी से अधिक रिटर्न का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोहों पर बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने शिकंजा कस दिया है। ब्लिट्ज की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में सेबी ने देश के 18 शहरों में फैले 71 ठिकानों पर छापेमारी कर 89 संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इन संस्थाओं पर शेयर बाजार के नाम पर अवैध लेन-देन और निवेशकों से ठगी का आरोप है। हाल के वर्षों में यह सेबी की सबसे व्यापक कार्रवाई मानी जा रही है।
सेबी ने इस अभियान को अपनी अत्याधुनिक सर्विलांस लैब और नए विश्लेषणात्मक उपकरणों की मदद से अंजाम दिया। नियामक के अनुसार, आधुनिक तकनीक और संसाधनों ने संदिग्ध संस्थाओं और गतिविधियों की पहचान को और अधिक सटीक बना दिया है। इसके साथ ही, बाजार सहभागियों के लिए एक नया “मार्केट इंटेलिजेंस पोर्टल” भी स्थापित किया गया है, जहां से वे अवैध गतिविधियों की सूचना सीधे नियामक को दे सकते हैं।
फंड हाउसेज और बिचौलियों पर भी कार्रवाई
कार्रवाई केवल फर्जी कंपनियों तक सीमित नहीं रही। 2024-25 में सेबी ने 24 म्यूचुअल फंड्स, उनके रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट (RTA) और 13 पोर्टफोलियो मैनेजर्स की जांच भी शुरू की। सभी म्यूचुअल फंड्स की ऑफ-साइट निगरानी एल्गोरिथ्म आधारित अलर्ट सिस्टम से की गई।
मार्केट इकोसिस्टम की मदद से व्यापक निरीक्षण
नियामक ने छापों के साथ-साथ ऑटोमेशन अलर्ट, मीटिंग मिनट्स और एक्सचेंज, डिपॉजिटरी व क्लियरिंग कॉरपोरेशन जैसे मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) से प्राप्त दस्तावेजों की भी गहन जांच की। बीएसई, एनएसई, सीडीएसएल और एनएसडीएल में किए गए निरीक्षण ने निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने तथा खामियों को दूर करने में मदद की।
इस कार्रवाई में बाजार इकोसिस्टम से जुड़े कुल 894 प्रतिभागियों की भूमिका पर नजर रखी गई, जिनमें 312 स्टॉक ब्रोकर, 90 डिपॉजिटरी प्रतिभागी, 51 मर्चेंट बैंकर, 56 आरटीए, 207 निवेश सलाहकार, 149 रिसर्च एनालिस्ट, 8 क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां, 11 डिबेंचर ट्रस्टी, 7 नामित डिपॉजिटरी प्रतिभागी, 7 संरक्षक और 3 केवाईसी पंजीकरण एजेंसियां शामिल हैं।
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