
बीबीएन, नेटवर्क, 26 अगस्त। मुख्यमंत्री आवास में सोमवार को हुई भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक ने प्रदेश की राजनीति का माहौल बदल दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में सरकार और संगठन का ध्यान केवल काम पर रहेगा, शिकायतों पर नहीं।
बैठक की शुरुआत प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के संबोधन से हुई। इसके बाद जिलाध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने विधायकों और मंत्रियों को संदेश देते हुए कहा कि जनता तक योजनाओं को पहुँचाना ही असली जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अब शिकायतों का दौर बंद होना चाहिए। अगर किसी स्तर पर बाधा आ रही है तो प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद करें, आवश्यकता पड़ने पर मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधे संपर्क करें।
बैठक में नेताओं को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर पंचायत और निकाय चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई। इस दौरान कई विधायकों और पदाधिकारियों को यह महसूस हुआ कि संगठन की कसौटी अब और कड़ी होने जा रही है।
विधानसभा सत्र को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने विधायकों को विपक्ष के सवालों और हंगामे का मजबूती से सामना करने की तैयारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि भाजपा का हर सदस्य पूरी तत्परता के साथ सदन में उपस्थित रहेगा।
बैठक का विशेष आकर्षण मुख्यमंत्री का ‘विकसित राजस्थान 2047’ का संकल्प रहा। इसमें जल जीवन मिशन, मुफ्त बिजली और राम जल सेतु लिंक जैसी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजनाएं प्रदेश की तस्वीर बदलेंगी और आने वाली पीढ़ियों को लाभ देंगी।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने 20 महीनों में उतना काम किया है, जितना पिछली सरकार पांच साल में भी नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल भ्रम फैलाने में सफल रहा है। इस प्रकार बैठक के पहले दिन ही यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा संगठन और सरकार दोनों ही स्तर पर अब विकास और कामकाज की राजनीति को ही प्राथमिकता देंगे।
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