
सतलुज-ब्यास-रावी में पानी की तेज आवक
नरेंद्र आर्य
बीबीएन, नेटवर्क, 3 सितंबर। उत्तर भारत की प्रमुख नदियों सतलुज, ब्यास और रावी पर बने बांधों में लगातार हो रही तेज आवक के कारण जलस्तर अपनी क्षमता के बेहद करीब पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा स्थिति चिंता का विषय है क्योंकि कई बांध 95 से 97 प्रतिशत तक भर चुके हैं।
भाखड़ा बांध (सतलुज):
सुबह 6 बजे दर्ज आंकड़ों के अनुसार, भाखड़ा डेम का जलस्तर 1677.84 फीट पर पहुंच गया है, जो इसकी कुल क्षमता का 95.07 प्रतिशत है। यहां पानी की आवक 86,822 क्यूसेक रही, जबकि निकासी 65,042 क्यूसेक दर्ज की गई। पिछले साल इसी तारीख को जलस्तर केवल 1640.26 फीट था।
पोंग बांध (ब्यास):
पोंग डेम का जलस्तर 1393.19 फीट तक पहुंच चुका है, जो कुल भंडारण क्षमता का 93.06 प्रतिशत है। यहां पर 1.60 लाख क्यूसेक से अधिक पानी की आवक दर्ज की गई, जबकि 79,837 क्यूसेक निकासी की जा रही है। बीते वर्ष इसी दिन पोंग डेम का जलस्तर 1361.39 फीट रहा था।
थीन बांध (रावी):
रावी नदी पर बना थीन डेम इस समय 1728.24 फीट पर है, यानी अपनी क्षमता का 97.18 प्रतिशत। यहां 1.08 लाख क्यूसेक पानी की आवक हुई, जबकि 45,484 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गतवर्ष इसी दिन जलस्तर 1645.32 फीट दर्ज किया गया था।
हरिके हेडवर्क्स की स्थिति:
हरिके बैराज से सुबह छह बजे तक 3,18,159 क्यूसेक पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ा गया। राजस्थान फीडर में 11,791 क्यूसेक और फिरोजपुर फीडर में 4,930 क्यूसेक पानी गया। पाकिस्तान के गंडासिंह हेड पर इस समय करीब 2,98,955 क्यूसेक पानी बह रहा है।
घग्घर नदी का बहाव:
सुबह आठ बजे तक घग्घर नदी के विभिन्न स्थानों पर प्रवाह काफी बढ़ा हुआ पाया गया। गुलाचिका पर 46,342 क्यूसेक, ओटू पर 18,500 क्यूसेक और घग्घर साइफन पर 15,260 क्यूसेक पानी दर्ज हुआ।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है। प्रशासन की ओर से बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की भी समीक्षा की जा रही है।
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