
बीबीएन, नेटवर्क, 5 सितंबर। देश के कई राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक लोगों की जिंदगी पटरी से उतर चुकी है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, रोज़गार ठप है और किसानों की मेहनत पानी में बह गई है। प्रशासन फिलहाल नुकसान का सही आकलन करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ही करीब 27,190 करोड़ रुपये की क्षति हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर: 20 हजार करोड़ का नुकसान, 142 की मौत
बादल फटने और बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर को गहरी चोट दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है, 800 से ज्यादा सड़कें टूट चुकी हैं और खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। अब तक 142 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 25 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा भी नौ दिन से स्थगित है। 14 पुल ढह गए और 1600 गांव प्रभावित हुए हैं। अनुमान है कि नुकसान बीस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच सकता है।
उत्तराखंड: आठ जिलों में जनजीवन बेहाल
पिछले एक महीने से पहाड़ों में हालात बिगड़े हुए हैं। उत्तराखंड में अब तक 79 मौतें हो चुकी हैं और 95 लोग लापता हैं। 1200 से ज्यादा लोग घर छोड़ने पर मजबूर हुए। पुल, तटबंध और सड़कें बह चुकी हैं। राज्य में करीब 3500 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है।
पंजाब: 23 जिले डूबे, 37 लोगों की मौत
पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और गुरदासपुर जिले के तीन लोग लापता हैं। 1,655 गांव प्रभावित हैं और 3.55 लाख से ज्यादा लोग संकट में हैं। 174 राहत शिविर बनाए गए हैं। फसलों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, 1.48 लाख हेक्टेयर खेत डूब गए हैं।
हिमाचल: 343 लोगों की जान गई
हिमाचल प्रदेश में अब तक 3690 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। 343 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 160 सड़क हादसों में मारे गए। 1372 मवेशी बह गए और हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। अकेले लोक निर्माण विभाग को ही 2252 करोड़ का नुकसान हुआ है।
राजस्थान: बारिश बनी आफत
राजस्थान विधानसभा में आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में 193 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों मकान और झोपड़ियां ढह गईं। हजारों परिवारों का सामान पानी के साथ बह गया। पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
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