
बीबीएन, नेटवर्क, 6 सितंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका की दोस्ती को ‘विशेष संबंध’ करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना स्थायी मित्र बताते हुए भरोसा दिलाया कि दोनों देशों के रिश्तों को लेकर किसी को भी चिंता नहीं करनी चाहिए।
हालांकि ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के कुछ मौजूदा फैसले पसंद नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने दोहराया कि भारत और अमेरिका की साझेदारी अटूट है और इसमें किसी तरह की दरार नहीं आने वाली।
मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, “मैं हमेशा ऐसा करूंगा। मोदी एक महान प्रधानमंत्री हैं। बस इस वक्त उनकी कुछ नीतियां मुझे पसंद नहीं, लेकिन भारत-अमेरिका का रिश्ता खास है। इसमें चिंता जैसी कोई बात नहीं है।”
व्यापार समझौते की ओर संकेत
ट्रंप ने बातचीत में यह भी दावा किया कि भारत समेत कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापार समझौते सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। लेकिन उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) पर कड़ा रुख अपनाते हुए आरोप लगाया कि वह अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव कर रहा है। उन्होंने गूगल पर लगाए गए 3.5 अरब डॉलर के जुर्माने को अनुचित कार्रवाई बताया। गौरतलब है कि यह दंड EU ने ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक (AdTech) क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा प्रभावित करने के आरोप में लगाया था।
सोशल मीडिया पर दिए बयान से पलटे
हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के पक्ष में खो दिया है। लेकिन मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने साफ किया कि उन्हें अब ऐसा नहीं लगता।
रूस से तेल खरीद पर नाराजगी
ट्रंप ने कहा कि भारत का रूस से ज्यादा मात्रा में तेल खरीदना उन्हें निराश करता है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर भारत को अवगत भी कराया गया है।
इधर, भारत ने भी अमेरिका को रिश्तों की स्थिति साफ कर दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका का रिश्ता लोकतांत्रिक मूल्यों, साझा हितों और जनसंपर्क पर आधारित है। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों देश व्यापार समेत तमाम मुद्दों पर साथ बने रहेंगे।
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