
“सहरा” में गूंजा सेवा का शंखनाद
बीबीएन,बीकानेर, 20 अगस्त। रेगिस्तान की तपती धरती पर जब लोकदेवता बाबा रामदेव के जयकारों से गगन गूंजता है, तो यह केवल पैरों की थकान को झेलती पदयात्रा नहीं रह जाती, बल्कि आत्मा की शांति का मार्ग बन जाती है। भक्तजन जब रुणिचे धाम की ओर बढ़ते हैं तो हर कदम पर श्रद्धा, विश्वास और समर्पण के बीज अंकुरित होते हैं।
इसी भावभूमि पर स्व. गोमा देवी चमड़िया चैरिटेबल फाउंडेशन और रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स ने लाखूसर मार्ग पर सेवा का एक विराट शिविर स्थापित किया है। यह शिविर सिर्फ विश्राम या भोजन की सुविधा नहीं, बल्कि थके हुए यात्री के लिए संबल, रोगी के लिए उपचार और आस्थावान के लिए परमार्थ का केंद्र है।
रेत की धधकती आँच में जहाँ तन पसीजता है, वहीं यह सेवा शिविर भक्तों के लिए शीतल छाँव बन गया है। चौबीसों घंटे घर जैसी सादगी और स्वाद से परोसा गया भोजन, औषधि और प्राथमिक उपचार, पेयजल की निरंतर उपलब्धता और विश्राम की पर्याप्त व्यवस्था ने इस पदयात्रा को मानो आस्था से आगे बढ़कर परोपकार की साधना बना दिया है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष सुनील चमड़िया ने कहा कि “भक्तों की सेवा ही सच्चा धर्म है। जब यात्री रुणिचे धाम की ओर बढ़ते हैं तो वे बाबा रामदेव की छत्रछाया में होते हैं और उन्हें राहत देना स्वयं भगवान की सेवा के समान है।” वहीं रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स के सचिव विपिन लड्ढा ने बताया कि शिविर में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे स्वयंसेवक अपने कर्म को ईश्वर को समर्पित भाव से निभा रहे हैं।
यह सेवा शिविर न केवल व्यवस्था और सुविधा का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जब आस्था परोपकार से जुड़ती है, तो साधारण पदयात्रा भी आध्यात्मिक परमार्थ यात्रा का रूप धारण कर लेती है।
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