
बीकानेर में याद किए गए शायर अज़ीज़ आज़ाद, आगामी जयंति पर होगा विशेष आयोजन
बीबीएन, बीकानेर,21 सितंबर। प्रसिद्ध शायर, कवि, कथाकार, उपन्यासकार और शिक्षक स्व. अज़ीज़ आज़ाद की बीसवीं पुण्यतिथि पर उनके निवास पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साहित्यकारों, कवियों और संस्कृतिकर्मियों ने उनकी साहित्यिक एवं सामाजिक विरासत को याद किया।
सभा में यह घोषणा की गई कि आगामी 21 मार्च 2026 को उनकी 81वीं जयंति पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित विस्तृत स्मारिका का लोकार्पण भी किया जाएगा।
कवि, नाटककार और पत्रकार हरीश बी. शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी तक अज़ीज़ आज़ाद के संस्कार और विचार पहुँचाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उनकी जीवन यात्रा और रचनात्मक योगदान पर केन्द्रित पुस्तक ‘सबके अज़ीज़’ का विमोचन जयंति समारोह में किया जाएगा।
वरिष्ठ शायर गुलाम मोहियुद्दीन ‘माहिर’ ने अज़ीज़ आज़ाद को इंसानियत और ईमानदारी का प्रतीक बताया। लेखक अशफाक क़ादरी ने उनके साहित्य और शिक्षा जगत में योगदान को अनुपम कहा और उनके कार्यों के व्यापक मूल्यांकन की ज़रूरत जताई।
कवि राजेन्द्र जोशी ने उनके गीत ‘मैं तुमको विश्वास दूं’ को साक्षरता अभियान की प्रेरक धरोहर बताते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में आमजन की पीड़ा झलकती है। संस्कृतिकर्मी मोहम्मद फारूक़ चौहान ने उन्हें ‘आवामी शायर’ बताते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में समय की चुनौतियों और समाज की चिंता साफ नज़र आती है।
साहित्यकार सुनील गज्जाणी ने कहा कि अज़ीज़ आज़ाद ने युवाओं का हमेशा मार्गदर्शन किया। नदीम अहमद नदीम ने उन्हें बीकानेर की शान बताते हुए उनके अप्रकाशित साहित्य को सामने लाने की पहल को सराहनीय बताया। पत्रकार संजय आचार्य वरुण ने कहा कि अज़ीज़ आज़ाद ने बीकानेर की शायरी को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। युवा लेखक इमरोज नदीम ने उनकी रचनाओं की कालातीत प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में उनके पुत्र और शायर इरशाद अज़ीज़ ने संस्मरण साझा किए और चुनिन्दा ग़ज़लें प्रस्तुत कीं। परिवारजन, साहित्यकार और शहर के अनेक लोग इस अवसर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त पत्रकार राजेश ओझा ने किया।
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