
बीबीएन,बीकानेर, 10 अगस्त। रेगिस्तानी हवाओं के संग एक नई सरगम बहने को है । एक ऐसी सरगम, जिसमें होगा शब्दों का जादू, भावों का विस्तार और इतिहास की सजीव पुकार। 12 अगस्त की संध्या, जब सूरज धूप की अंतिम अंजलि देकर पश्चिम में विलीन होगा, रवींद्रनाथ मंच पर एक अद्वितीय सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ होगा “दास्ताने शहीदे आज़म भगत सिंह”।
यह आयोजन ज़िला प्रशासन, नगर निगम और बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अंतर्गत किया जा रहा है। कलेक्टर नम्रता वृष्णि के अनुसार, बीकानेर में ‘दास्तानगोई’ विधा का यह पहला मंचन होगा, जिसमें दिल्ली के प्रसिद्ध दास्तानगो पूनम गिरधानी और उस्मान सिद्दीकी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
‘दास्तानगोई’… उर्दू साहित्य की वह प्राचीन मौखिक परंपरा है, जिसमें कथावाचक अपने शब्दों, हावभाव और नाटकीय संवादों से कथा में प्राण फूंक देता है। 13वीं शताब्दी में जन्मी और 19वीं शताब्दी में अपने चरम पर पहुँची यह विधा आज फिर नए रंग में लौट रही है।
“दास्ताने शहीदे आज़म भगत सिंह” में न केवल उनकी निर्भीक क्रांतिकारी यात्रा को स्वर मिलेगा, बल्कि उनके विचारों, वाचन-प्रेम और पुस्तक-संसार से जुड़े प्रसंग भी सुनने को मिलेंगे। मंच पर देशभक्ति गीतों की भी गूंज होगी, जो स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को ताज़ा कर देगी।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार ‘हर घर तिरंगा’ के अंतर्गत यह पहला विशेष आयोजन है, जो बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर में एक नया अध्याय जोड़ते हुए आने वाली पीढ़ियों के हृदय में देशभक्ति का दीप जलाएगा।