
बीबीएन, नेटवर्क, 7 अगस्त। भारतीय सिनेमा की रोमांटिक म्यूजिकल धारा में इस वक्त एक ही नाम गूंज रहा है—‘सैयारा’। निर्देशक मोहित सूरी की इस फिल्म ने जहां बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ की कमाई का आंकड़ा पार कर आर्थिक सफलता की नई कहानी लिख दी है, वहीं इसके इमोशनल असर और प्रचार रणनीतियों को लेकर बहस की एक नई लहर भी खड़ी हो गई है।
अहान-अनीत की जोड़ी और वरुण बडोला की खरी बात
न्यूकमर अभिनेता अहान पांडे और अनीत पड्डा की जोड़ी ने परदे पर वो जादू बिखेरा है, जो लंबे समय बाद किसी रोमांटिक फिल्म में देखने को मिला। वहीं टीवी इंडस्ट्री के अनुभवी कलाकार वरुण बडोला, जिन्होंने फिल्म में अहान के पिता की भूमिका निभाई है, अब सामने आए हैं एक ऐसा बयान लेकर जिसने प्रमोशन और दर्शकों की भावना के बीच की लकीर को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
वरुण ने साफ कहा, “कोई फिल्म सिर्फ इंस्टाग्राम के भरोसे 500 करोड़ नहीं कमा सकती। इसका मतलब है कि लोग दिल से कनेक्ट कर रहे हैं। लेकिन प्रमोशन की भी एक मर्यादा होनी चाहिए।”
‘भावना’ या ‘पीआर स्टंट’?
फिल्म की रिलीज के बाद जो दृश्य थिएटरों के बाहर देखे गए, वो हैरान कर देने वाले थे। कहीं टी-शर्ट फाड़ते युवा, कहीं फर्श पर लेटे इमोशनल दर्शक और एक शख्स तो आईवी ड्रिप लगवाकर ही फिल्म देखने पहुंच गया। बताया गया कि यह युवक सदाना का रहने वाला फैजल था।
इस वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस को गर्मा दिया। कुछ इसे “युवाओं की भावना की गहराई” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “सोची-समझी प्रचार नीति” करार दे रहे हैं। सवाल उठा—क्या कोई सामान्य दर्शक वाकई ऐसा कर सकता है या ये सब एक स्क्रिप्टेड शो था?
सफलता के पीछे भावनाओं की कीमत?
जहां फिल्म की कमाई 500 करोड़ के पार जा पहुंची है—भारत में 304 करोड़ और विदेशों में 200 करोड़ से अधिक—वहीं दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखकर ये सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या सिनेमा अब सिर्फ एक कलात्मक माध्यम है या पूरी तरह एक ब्रांडेड भावना बन चुका है?
—