
फेडरल रिजर्व की दर कटौती की अटकलों से कीमती धातुओं को सहारा
बीबीएन, नेटवर्क, 21 सितंबर। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने और चांदी के भाव में तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय स्तर पर बढ़ती मांग और कमजोर होते अमेरिकी डॉलर ने कीमती धातुओं को मजबूती दी है।
सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक अक्टूबर अनुबंध के लिए सोने का भाव 0.50 प्रतिशत चढ़कर 1,09,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसी अवधि में चांदी के अक्टूबर वायदा में 1.33 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई और कीमत 1,28,818 रुपये प्रति किलो हो गई।
अमेरिकी फेड के फैसले पर टिकी निगाहें
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कीमतों को सहारा दे रही है। सीएमई ग्रुप के फेडवॉच टूल के अनुसार, कारोबारियों को अक्टूबर में 25 आधार अंकों की कटौती की 92 प्रतिशत उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो आने वाले समय में सोने की कीमतें और मजबूती पकड़ सकती हैं।
कीमत तय करने की प्रक्रिया
बजाज फिन्सर्व की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सोने की दरें लंदन गोल्ड फिक्सिंग के जरिये तय होती हैं। इसमें प्रमुख विक्रेता दिन में दो बार कीमतों का निर्धारण करते हैं। इन दरों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग-आपूर्ति, डॉलर की स्थिति, भू-राजनीतिक घटनाक्रम और आर्थिक आंकड़ों का सीधा असर पड़ता है।
भारत में दरें कैसे तय होती हैं
भारतीय बाजार में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय भावों के साथ-साथ आयात शुल्क, कर और स्थानीय मांग-आपूर्ति की स्थिति से प्रभावित होती हैं। भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) रोजाना सोने की दर तय करता है, जिसे देश भर में जौहरी और व्यापारी मानक के रूप में स्वीकार करते हैं। इसके अलावा, रुपये और डॉलर की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव भी कीमतों को प्रभावित करता है।
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