
बीबीएन, नेटवर्क, 26 जुलाई। सूबे की सियासत में 26 साल पुराना सियासी राज फिर उछला है। इस गहरे सियासी ‘राज’ पर अभी तक कांग्रेस पार्टी के किसी कद्दावर नेता ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। कांग्रेस की खामोशी ने सूबे की सियासत की गरिमा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के एक मंत्री ने सनसनीख़ेज़ दावा किया है कि 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधायक बनाने के लिए पर्दे के पीछे बड़ा ‘खेल’ हुआ था।मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा — “अगर ये सच है, तो ये सिर्फ एक साज़िश नहीं, पूरे सिस्टम की गरिमा पर धब्बा है!”
ये है पूरा मामला
हकीकत ने ये मामला जुड़ा है पूर्व मंत्री सुरेंद्र व्यास की किताब से, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि गहलोत को विधायक बनाने के लिए सरदारपुरा के विधायक मानसिंह देवड़ा पर दबाव बनाया गया था। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया गया है कि देवड़ा ने शर्त रखी थी कि उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के केस हटाए जाएं, तभी वे सीट छोड़ेंगे!
गहलोत चुप क्यों?
पटेल ने कहा कि अब तक न तो गहलोत ने खंडन किया और न ही कोई जवाब दिया। “अगर किताब में लिखी बातों में दम है तो गहलोत को खुद सामने आकर सफाई देनी चाहिए।”
कांग्रेस पर पटेल का बड़ा हमला:
मंत्री पटेल यहीं नहीं रुके — उन्होंने फोन टेपिंग मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ की गई कार्रवाई को ‘राजनीतिक साज़िश’ करार दिया और कहा कि जिन लोगों ने पहले झूठे आरोप लगाए, अब वही समझौते की बातें कर रहे हैं।
डोटासरा और गहलोत पर भी बोला हमला
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस के बयानों को लेकर भी पटेल ने पलटवार किया। उन्होंने डोटासरा और गहलोत पर तंज कसते हुए कहा, “ये वही पलटू राम हैं, जो कभी उपराष्ट्रपति पर दबाव में काम करने का आरोप लगाते थे। आज वही उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।