
बीबीएन, नेटवर्क, 31 जुलाई। कर्ज के बोझ तले दबी एक बेसहारा महिला को उसके दो मासूम बच्चों सहित फाइनेंस कंपनी ने घर से बाहर निकाल दिया। मामला जिले के पिलानी क्षेत्र के खेड़ला गांव का है, जहां एक निजी आवास फाइनेंस कंपनी ने लोन की अदायगी न हो पाने पर महिला के मकान को सील कर कब्जा कर लिया। अब यह परिवार बारिश के मौसम में सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता का पति ईश्वर नायक करीब तीन साल पहले रहस्यमय हालात में लापता हो गया था। परिवार ने उसी मकान को बनाने के लिए उक्त कंपनी से कर्ज लिया था। पति की गैरमौजूदगी में महिला ने किसी तरह निजी स्कूल में सफाई का काम कर अपने दो छोटे बच्चों का पालन-पोषण किया, लेकिन सीमित आय के चलते वह लोन की किश्तें नहीं चुका सकी।
SARFAESI एक्ट के तहत मकान पर कब्जा
‘आवास फाइनेंस कंपनी’ ने SARFAESI अधिनियम 2002 के तहत कानूनी कार्रवाई करते हुए मकान पर कब्जा कर लिया और उसे सील कर ताले जड़ दिए। पीड़िता अब बच्चों सहित सड़क पर रहने को मजबूर है। बरसात में भीगते हुए, कभी किसी पेड़ के नीचे, तो कभी किसी दुकान की छत के नीचे ये परिवार रातें गुजार रहा है।
प्रशासन से अब तक कोई मदद नहीं
स्थानीय ग्रामीणों ने हालात देखकर मदद का हाथ बढ़ाया है। भोजन और कपड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं, लेकिन आश्रय नहीं मिल पाने से स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।
खेड़ला ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिंह ने बताया कि “यह न सिर्फ आर्थिक संकट का मामला है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की परीक्षा है। प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेकर इस परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए।”
न्याय की मांग
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि महिला और उसके बच्चों को तात्कालिक राहत दी जाए और इस पूरे मामले की जांच कर इंसाफ सुनिश्चित किया जाए।
यह सिर्फ एक कर्ज की अदायगी की कहानी नहीं, बल्कि समाज की उस दरार की तस्वीर है, जिसमें एक बेसहारा मां अपने बच्चों के साथ सिस्टम की बेरुखी की शिकार हो रही है।