
बहुउपयोगी रोबोटिक खच्चर अब सीमा सुरक्षा में तैनात
बीबीएन, नेटवर्क, 20 अक्तूबर । नियंत्रण रेखा (LoC) पर गश्त और रसद सहयोग को मजबूत करने के लिये भारतीय सेना ने बहुउपयोगी लेग्ड इक्विपमेंट (MULE) अर्थात् रोबोटिक खच्चरों का प्रयोग आरंभ कर दिया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार ये उपकरण सीमा पर पैट्रोलिंग, परिधि सुरक्षा तथा खुफिया सूचना एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये रोबोटिक खच्चर न केवल दूरस्थ निगरानी करेंगे, बल्कि खतरे की पहचान होते ही कम समय में जवाबी कार्रवाई का समय घटाने में सहायक होंगे। अधिकारी ने यह भी कहा कि “हम अगली पीढ़ी के उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा दे रहे हैं; रोबोटिक खच्चर गश्त के दौरान कैमरों और सेंसर के माध्यम से पहले ही संभावित खतरों का संकेत दे देते हैं।”
तकनीकी विशेषताएँ व कार्यक्षमता
विकसित उपकरणों में प्रतियोगी दर्जे के कंप्यूटर, पुन:चार्ज हो सकने वाली बैटरी, आगे तथा पीछे लगे उन्नत सेंसर और गतिशीलता के लिये पैर लगे हैं। इनका डिज़ाइन इस प्रकार है कि वे सीढ़ियाँ, ढलान और मलबे भरे इलाकों में भी बिना रुकावट के आगे बढ़ सकें। रक्षा बलों को सूचित किया गया कि जून 2024 में लगभग 100 ऐसे यूनिट्स सेना के सुपुर्द किए गए थे, जिन्हें सीमा पर अलग—अलग मिशनों पर तैनात किया जा रहा है।
कम्पनी व विकास
यह रोबोटिक प्लेटफ़ॉर्म एयरोआर्क (AeroArc) नामक कम्पनी द्वारा निर्मित है, जो आर्क वेंचर्स (Arc Ventures/ARCV) की सहायक इकाई है। कंपनी ने इसे दूर से नियंत्रित के साथ-साथ स्वायत्त संचालन क्षमताओं के साथ विकसित किया है ताकि परिधि सुरक्षा, संपत्ति सुरक्षा, CBRNE खतरों से निपटना, बम निरोधक कार्य तथा खुफिया सूचना संग्रह जैसे कार्य स्वतंत्रता से किये जा सकें।
क्षेत्रीय प्रभाव व आगे की योजना
सेना के प्रवक्ता का कहना है कि सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में इन रोबोटों के प्रयोग से सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और उच्च जोखिम कार्यों के लिये मानव बलों पर निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही, इन प्रणालियों के निरंतर अपग्रेड तथा अभ्यास के माध्यम से उनकी क्षमताओं को और बेहतर किया जा रहा है।
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