
बीबीएन, नेटवर्क , 2 अगस्त। वो विमान जिसने न जाने कितने जांबाजों को आसमान छूने का सपना दिखाया, अब एक नई भूमिका में लौट रहा है। HAL ‘किरण’ को फिर से जीवित कर रहा है ,लेकिन अब वह सिर्फ उड़ान नहीं, भारत के भविष्य के लड़ाकू ड्रोन की कमान संभालेगी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है। HAL अब सेवानिवृत्त HJT-16 किरण MkII ट्रेनर विमान को भविष्य के अत्याधुनिक मानव रहित युद्धक ड्रोन CATS वॉरियर के नियंत्रण केंद्र के रूप में परिवर्तित कर रहा है।
यह पहल मैनड-अनमैंड टीमिंग (MUM-T) की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक अहम कड़ी मानी जा रही है। इस तकनीक के तहत मानव चालित और स्वायत्त ड्रोन विमानों को एक साथ युद्ध क्षेत्र में मिशन को अंजाम देने के लिए जोड़ा जा रहा है।
‘किरण’ को मिल रहा नया जीवन
भारतीय वायुसेना की सेवा में दशकों तक रहे किरण MkII ट्रेनर विमान को अब “ऑप्शनली मैनड कॉम्बैट एयरक्राफ्ट” (OMCA) में बदला जा रहा है। इस परियोजना के तहत विमान के दूसरे कॉकपिट को — जो कभी फ्लाइट इंस्ट्रक्टर के लिए आरक्षित था अब एक अत्याधुनिक मिशन कंट्रोल हब में तब्दील किया जा रहा है।
यह कंट्रोल हब सुरक्षित डेटा लिंक और मिशन कंप्यूटरों जैसे उन्नत सिस्टम्स से लैस होगा, जो सह-पायलट को जटिल युद्ध परिस्थितियों में CATS वॉरियर ड्रोन को निर्देशित करने और नियंत्रित करने की क्षमता देगा।
CATS प्रणाली का हिस्सा
यह पहल HAL के बड़े ‘कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम’ (CATS) कार्यक्रम का हिस्सा है। इसका उद्देश्य मानव और मानव रहित प्लेटफॉर्मों का एक ऐसा नेटवर्क विकसित करना है, जो भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को कई गुना बढ़ा सके।
DRDO के सहयोग से विकसित हो रहे सिस्टम
इस प्रोजेक्ट के लिए कमांड सिस्टम्स का विकास HAL के अनुसंधान केंद्रों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अंतर्गत आने वाले सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (CAIR) के सहयोग से किया जा रहा है।
परीक्षण उड़ानें और भविष्य की योजनाएं
संशोधित ‘अनमैन्ड किरण’ की पहली सफल उड़ान 27 जनवरी 2025 को हो चुकी है। अब दूसरी, और भी अहम परीक्षण उड़ान वर्ष 2026 की शुरुआत में तय की गई है, जिसका उद्देश्य डेटा लिंक और ड्रोन के साथ संचार प्रणाली की पुष्टि करना है।
इन परीक्षणों की सफलता के बाद CATS वॉरियर ड्रोन की पहली स्वतंत्र उड़ान के लिए रास्ता साफ होगा, जिसकी उम्मीद वर्ष 2026 के अंत तक की जा रही है।
इंजन निर्माण में रोल्स-रॉयस से सहयोग
CATS वॉरियर ड्रोन ने जनवरी 2025 में इंजन ग्राउंड टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके अलावा HAL अब ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस के साथ मिलकर एक और अधिक शक्तिशाली इंजन विकसित करने की दिशा में भी काम कर रहा है।
कम लागत, तेज़ विकास
सेवानिवृत्त लेकिन भरोसेमंद विमान ढांचे का प्रयोग कर HAL ने परीक्षण और विकास प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए एक अभिनव और लागत-कुशल रणनीति अपनाई है। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता भी मज़बूत हो रही है।