
ब्रह्मकुमारी संस्थान विश्वशांति और नशामुक्त समाज के अभियान में अग्रणी : विशेषज्ञों ने की सराहना
बीबीएन, नेटवर्क, 26 सितंबर। ब्रह्माकुमारी ऑडिटोरियम में आयोजित नेशनल मीडिया कॉन्फ्रेंस 2025 के स्वागत सत्र में वक्ताओं ने मीडिया की भूमिका को समाज में शांति, एकता और विश्वास कायम करने की दिशा में निर्णायक बताया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बहन बी.के चंदा ने कहा कि मीडिया समाज का आईना है। यदि पत्रकारिता सकारात्मक दिशा में कार्य करे, तो समाज में नई चेतना और ऊर्जा का संचार संभव है। उन्होंने कहा कि मीडिया की कलम में वह शक्ति है, जो समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा सकती है।
मीडिया विंग के वाइस चेयरमैन आत्मप्रकाश राजयोगी ने शांति, एकता और विश्वास को जीवन का आधार बताते हुए कहा कि ये तीनों शब्द आत्मचेतना के मूल में हैं। उन्होंने ‘मैं कौन हूं, कहां से आया हूं और मेरा उद्देश्य क्या है’ — इस विषय पर आध्यात्मिक दृष्टि से गहन व्याख्या दी। आत्मप्रकाश ने कहा कि जब विश्व में विनाश की आशंकाएं और परमाणु हथियारों का भय व्याप्त है, ऐसे में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय विश्वशांति की स्थापना और सतयुग की परिकल्पना को साकार करने में जुटा है।
कॉर्डिनेटर एवं वरिष्ठ कॉलमनिस्ट निकुंज भाई ने बताया कि इस वर्ष की थीम ‘शांति, एकता और विश्वास’ विश्व में बढ़ती अशांति और युद्ध की पृष्ठभूमि में चुनी गई है। उन्होंने कहा, “आज मानवता को स्थिरता और संयम की सबसे अधिक जरूरत है, मीडिया को इस दिशा में मार्गदर्शक की भूमिका निभानी होगी।” कार्यक्रम में मधुरवाणी ग्रुप ने भक्ति गीत “वसुंधरा है मगन गा रही… गुंजन है सारा आकाश” की सुंदर प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थितों को आध्यात्मिक वातावरण में भावविभोर कर दिया।
रायपुर (छत्तीसगढ़) से पधारे वरिष्ठ पत्रकार मधुकर त्रिवेदी ने कहा कि आज पत्रकारिता का दायरा वैश्विक हो चुका है। 140 देशों में सक्रिय ब्रह्मकुमारी संस्था विश्व में शांति का संदेश पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, “हम नारद के वंशज हैं, हमारी कलम समाज में लोककल्याण और शांति का संदेश देनी चाहिए।” पब्लिकेशन हिंदी मीडिया के संपादक गंगाधर भाई ने कहा कि ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्म-साक्षात्कार का माध्यम है। “अपने भीतर सत्य की जोत जलाकर ही हम समाज को दिशा दे सकते हैं,” उन्होंने कहा।
राजयोगी रंजन बहन ने कहा कि इस मंच तक वही आत्मा पहुंचती है, जो सात्विक और भाग्यशाली होती है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आत्म-चिंतन और मेडिटेशन अत्यंत आवश्यक है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में ‘मैं कौन हूं’ का बोध हमें शांति और विश्वास की ओर ले जाता है।
हेल्थकेयर प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनारसी लाल ने समाज में बढ़ते नशे को गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत अब तक 3.45 करोड़ लोगों को लाभ मिला है और 14 राज्यों में यह अभियान सक्रिय है। लगभग 10,000 लोगों को नशा मुक्त किया जा चुका है।
मुख्य अतिथि डॉ. ईशा अग्रवाल ने कहा कि मीडिया केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज का दर्पण है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन से सकारात्मकता का उदय होता है और समाज में शांति की स्थापना होती है। “जीवन में ध्यान को अपनाना ही आत्मबल और स्थिरता का सर्वोत्तम मार्ग है।