
थईयात मार्ग पर भीषण हादसा, आग की लपटों में घिरी बस ने निगल ली कई जिंदगियां
बीबीएन, नेटवर्क , 15 अक्टूबर। थईयात मार्ग पर मंगलवार दोपहर का वह मंजर जिसने दीपावली की खुशियों को मातम में बदल दिया। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक लग्जरी बस अचानक आग की लपटों में घिर गई। चंद मिनटों में मुस्कुराते चेहरे चीखों में बदल गए। बस करीब 50 मीटर तक जलती हुई दौड़ती रही — यात्रियों की चीखें, उठता धुआं और दहकती आग, सब कुछ जैसे किसी दुःस्वप्न की तरह।
कुछ यात्री झुलसने से पहले खुद को खिड़कियों से बाहर फेंककर बचाने की कोशिश करते रहे। राहगीरों ने भी बिना देर किए मदद के हाथ बढ़ाए। किसी ने पुलिस को सूचना दी, तो कोई पानी का टैंकर लेकर मौके पर पहुंच गया। गांव वालों ने अपनी जान दांव पर लगाकर आग बुझाने का प्रयास किया। कई घायल ग्रामीणों ने दूसरों को बचाने की कोशिश में खुद भी गंभीर चोटें खाईं।
दमकल दल के पहुंचने तक बस पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी। गर्म धातु और धुएं के बीच फंसे यात्रियों को बाहर निकालना पुलिस और ग्रामीणों के लिए किसी जंग से कम नहीं था। एंबुलेंस आने पर घायलों को कंधों पर उठाकर ट्रोमा सेंटर पहुंचाया गया।
अस्पताल में कराहते लोगों की आवाजें सुनकर हर किसी का दिल दहल उठा। कोई अपने बच्चे को ढूंढ रहा था, तो कोई भाई या बहन की तलाश में भटक रहा था। एक पिता की आंखों से बहते आंसू थम नहीं रहे थे — उन्होंने बताया, “बस पांच मिनट पहले बेटे से बात की थी, अब वो कहां है, कुछ पता नहीं।” यह सुनकर डॉक्टरों तक की आंखें नम हो गईं।
दीपावली की रौशनी में यह हादसा जैसे अंधेरे का साया बन गया। शहर और गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। हर तरफ एक ही सवाल था , आखिर क्यों नहीं रुकतीं ऐसी दर्दनाक घटनाएं?