
बीबीएन, नेटवर्क। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान नकली नोटों का सबसे बड़ा हिस्सा ₹500 के नए डिजाइन वाले नोटों का रहा। लोकसभा में सोमवार को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में बताया कि इस वर्ष अब तक 1,17,722 ऐसे जाली नोट पकड़े गए हैं। कुल मिलाकर, इस वित्तीय वर्ष में 2.17 लाख नकली नोट बरामद किए गए, जो पिछले वर्ष के 2.23 लाख नोटों की तुलना में मामूली कमी दर्शाते हैं। बरामद नकली नोटों में ₹100 के 51,069 और ₹200 के 32,660 नोट शामिल हैं।
जालसाज़ी से निपटने के उपाय
मंत्री ने बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार मिलकर नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। बैंक नोटों की सुरक्षा विशेषताओं की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और ज़रूरत पड़ने पर बदलाव भी किए जाते हैं। नई सुरक्षा तकनीक और डिज़ाइन को शामिल करना एक सतत प्रक्रिया है ताकि जालसाज़ों को मात दी जा सके।
निजी कंपनियों की संपत्तियों में वृद्धि
एक अन्य प्रश्न के जवाब में पंकज चौधरी ने कहा कि देश की निजी लिमिटेड कंपनियों की नेट फिक्स्ड एसेट में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में इसमें 7.6%, 2022-23 में 10.3% और 2023-24 में 10.2% की वृद्धि दर्ज हुई।
निवेश परियोजनाओं में दोगुनी रफ़्तार
सरकार ने यह भी बताया कि निवेश का माहौल मज़बूत हो रहा है। RBI के अगस्त 2024 बुलेटिन के मुताबिक, 2021-22 में जहां 401 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हुई थीं, वहीं 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 944 हो गई—यानी महज़ दो वर्षों में दोगुनी से ज़्यादा। इसी अवधि में परियोजनाओं की कुल लागत ₹1.4 लाख करोड़ से बढ़कर ₹3.9 लाख करोड़ हो गई, जो निवेश में तेज़ उछाल का संकेत है।