
बलजीत गिल.
बीबीएन, नेटवर्क, 8 अगस्त। सूबे में कानून व्यवस्था का हाल बड़ा बेहाल है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े चीख-चीख कर बता रहे हैं कि बीते 10 सालों में सूबे में 16 हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं और सरकारें महज़ बयानबाज़ी करती रहीं। 2024 में ही 1930 कत्ल दर्ज हुए। यानी औसतन हर दिन चार से पांच लोग मौत के घाट उतार दिए गए।
सबसे ज़्यादा हत्याएं जयपुर में ,130, फिर उदयपुर (96), बीकानेर (80), अलवर (64) और भरतपुर (63) में। यानी शहर जितना बड़ा, खून उतना ज्यादा।
सरकारी फाइलों में ये आंकड़े “रूटीन क्राइम” माने जा रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि लोग दिनदहाड़े मारे जा रहे हैं, और पुलिस महकमा कभी ट्रांसफर-पोस्टिंग में उलझा है तो कभी नेताओं की चाकरी में।
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2023 में विधानसभा में जो आंकड़े पेश किए गए, उनके मुताबिक कुल 1,869 हत्याएं हुईं यानी हर घंटे कोई न कोई जान गई। लेकिन सियासतदानों की नींद नहीं टूटी। “सब कंट्रोल है ” का ढकोसला करते रहे। राज्य के कई जिलों में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लोग घर से निकलते वक्त यह सोचने लगे हैं कि लौटेंगे भी या नहीं। धरती का स्वाभिमान कहे जाने वाला राजस्थान, आज गुंडों, तस्करों और बदमाशों का अड्डा बनता जा रहा है।
🔴 2024 के टॉप हत्यारे जिले:
जयपुर: 130
उदयपुर: 96
बीकानेर: 80
अलवर: 64
भरतपुर: 63