भारतीय वायुसेना करेगी SAAW से लैस हमला, अब और घातक बनेंगे फाइटर जेट्स

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बीबीएन, नेटवर्क, 18 जून।  भारतीय वायुसेना अब अपने फाइटर जेट्स को पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर बनाने की तैयारी में है। एयरफोर्स जल्द ही स्वदेशी स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) को अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल करने जा रही है। इसमें सुखोई-30 MKI जैसे प्रमुख फाइटर जेट भी शामिल होंगे।
रक्षा मंत्रालय में जल्द ही इस सैटेलाइट-गाइडेड बम को लेकर इसी सप्ताह अहम बैठक होने जा रही है। डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, यह हथियार करीब 100 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के टारगेट को बेहद सटीकता के साथ निशाना बना सकता है।
DRDO की तकनीक, अब सेना के लिए तैयार
SAAW को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हैदराबाद स्थित अपने सेंटर में डिजाइन और विकसित किया है। इसका वजन लगभग 120 किलो है और यह हाई-प्रिसिजन गाइडेड बम श्रेणी में आता है। यह दुश्मन के एयरबेस, रडार, बंकर और रनवे को टारगेट कर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है।
यह वही स्टैंड-ऑफ वेपन है, जैसा बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान इस्तेमाल किया गया था। DRDO ने इसे इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत भारतीय सेना को ऑफर भी कर दिया है, जिससे जरूरत पड़ने पर जल्द आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद हथियारों की मांग में उछाल
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड्स पर एयरफोर्स ने जो निशाना साधा, उसके बाद ऐसे हथियारों की मांग तेजी से बढ़ी है। वायुसेना अब लॉन्ग-रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन सिस्टम्स पर खास फोकस कर रही है, जिसमें बम और मिसाइल दोनों शामिल हैं। SAAW, DRDO के सबसे सफल और भरोसेमंद प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा है। इसके शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।





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