
बीबीएन, नेटवर्क, 27 जुलाई। राज्य सरकार की परिवहन नीति के खिलाफ ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। एसोसिएशन ने साफ किया है कि जब तक सरकार हीरापुरा टर्मिनल को लेकर लिए गए निर्णय को वापस नहीं लेती, निजी बस सेवाएं सड़कों पर नहीं लौटेंगी।
हड़ताल के चलते स्टेट कैरिज, स्लीपर कोच और अन्य निजी सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। इससे प्रदेशभर में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। कई जिलों में बस अड्डों पर यात्री घंटों बसों का इंतजार करते नजर आए।
एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार ने न तो बस ऑपरेटरों से कोई पूर्व चर्चा की और न ही वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया। “यह फैसला एकतरफा और व्यवहार से परे है,” एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा।
इस फैसले का असर न केवल यातायात व्यवस्था पर, बल्कि पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों पर भी पड़ रहा है। सरकारी राजस्व में भी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
बस ऑपरेटरों का कहना है कि हीरापुरा टर्मिनल शहर से दूर है, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। “यात्रियों को होटल, भोजन, लोकल ट्रांसपोर्ट जैसी जरूरी सेवाएं नहीं मिल पाएंगी,” एक ऑपरेटर ने कहा।
प्रशासन तैयार, लेकिन सवाल कायम
सरकारी स्तर पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। परिवहन विभाग ने रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने के संकेत जरूर दिए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि निजी बसों के बंद होने से रोडवेज पूरी यात्री मांग नहीं संभाल पाएगी।
अब सवाल यह है कि क्या सरकार बस ऑपरेटरों से बातचीत का रास्ता अपनाएगी या प्रदेश एक लंबी और तकलीफदेह हड़ताल की ओर बढ़ रहा है?