
विजयदशमी पर बीकानेर से निकला ‘राजसूय’, 15 लेखकों की कलम से सजा प्रथम अंक
बीबीएन,बीकानेर, 2 अक्टूबर। सूचनाओं के महासागर में सार्थक पत्रकारिता की एक नई लहर के रूप में बीकानेर से साप्ताहिक समाचार पत्र ‘राजसूय’ का प्रकाशन विजयदशमी के शुभ दिन प्रारंभ हुआ। चार पृष्ठों वाले इस बहुरंगी अंक में पंद्रह लेखक-पत्रकारों के लेखों सहित पच्चीस पठनीय सामग्रियों को स्थान मिला है। पत्र का डिजिटल संस्करण www.rajsuy.com पर उपलब्ध रहेगा।
अंबाश्रम, धरधीधर में आयोजित लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार मधु आचार्य ‘आशावादी’, दीपचंद सांखला, लॉयन एक्सप्रेस के संपादक बृजमोहन रामावत तथा सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक हरिशंकर आचार्य ने प्रथम अंक का विमोचन किया। लोकार्पण के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि जब समाज को सबसे अधिक उम्मीद पत्रकारों से है, तब पत्रकारिता अपने मूल दायित्वों से दूर जाती प्रतीत होती है। ऐसे समय में ‘राजसूय’ का प्रकाशन जनचेतना और पत्रकारिता के नए भरोसे का प्रतीक है।
वरिष्ठ पत्रकार दीपचंद सांखला ने कहा कि किसी भी समाचार पत्र को सतत चलाने के लिए न केवल दक्ष पत्रकारों की, बल्कि स्थायी आर्थिक संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। दोनों के बीच संतुलन ही किसी अखबार की स्थिरता का आधार है। लॉयन एक्सप्रेस के संपादक बृजमोहन रामावत ने कहा कि डिजिटल युग के बावजूद प्रिंट मीडिया के प्रति समाज का भरोसा अब भी कायम है। ‘राजसूय’ निश्चित रूप से पाठकों के बीच अपनी जगह बनाएगा।
जनसंपर्क उपनिदेशक हरिशंकर आचार्य ने कहा कि समाचार पत्रों में विश्लेषण, विमर्श और विचार के साथ-साथ सरकार की नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी भी सम्मिलित होनी चाहिए, ताकि पाठकों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त हो। स्वागत भाषण में पत्रकार धीरेंद्र आचार्य ने कहा कि यह प्रकाशन उन सभी का साझा प्रयास है जो यह मानते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा पत्रकारिता को जीवित रखने में निहित है। आभार वक्तव्य में वास्तुशास्त्री आर.के. सुतार ने कहा कि रचनात्मक सहयोग देने वाले लेखकों-पत्रकारों और समर्थकों के कारण ही यह पहल साकार हो सकी है।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकार-साहित्यकार संजय आचार्य ‘वरुण’ ने किया। उन्होंने बताया कि ‘राजसूय’ का संपादन गायत्री शर्मा करेंगी, जबकि प्रकाशन की जिम्मेदारी पत्रकार-लेखक हरीश बी. शर्मा संभालेंगे। इस अवसर पर शहर के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार और समाजसेवी उपस्थित रहे, जिनमें श्याम मारु, प्रमोद आचार्य, रमेश बिस्सा, कमल रंगा, राजेंद्र जोशी, इरशाद अजीज, बाबूलाल छंगाणी, रामसहाय हर्ष, मयंक सोनी, उदय व्यास, धर्मा, चंद्रशेखर श्रीमाली, मनीष कुमार जोशी, ऋषि मोहन जोशी, राकेश शर्मा, मनमोहन शर्मा, उमेश कुमार चौधरी, रामकुमार आचार्य, प्रवीण कुमार शर्मा, मीनाक्षी शर्मा और सौरम शर्मा प्रमुख हैं।
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