
ओशो के अनुज स्वामी शैलेंद्र सरस्वती की पुस्तक ‘ॐ की महिमा’ का सिरसा में हुआ विमोचन
बीबीएन, नेटवर्क, 1 अक्टूबर। हरियाणा के सिरसा स्थित ग्रीन आइलैंड रिज़ॉर्ट रविवार की शाम एक अद्वितीय आध्यात्मिक वातावरण से सराबोर रहा, जब रजनीश फ्रैग्रेंस द्वारा एक भव्य सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह की विशेषता रही ओशो के अनुज स्वामी शैलेंद्र सरस्वती और माँ अमृत प्रिया की उपस्थिति, जिन्होंने श्रद्धालुओं को आत्म-जागरण और ध्यान के मार्ग पर अग्रसर होने का संदेश दिया।
इस अवसर पर 700 से अधिक जिज्ञासुओं ने सहभागिता की और स्वामी जी के प्रेरक प्रवचनों से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की। उपस्थित साधकों ने ध्यान प्रयोग के माध्यम से अपने भीतर शांति और स्थिरता का अनुभव किया।
स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने अपने संबोधन में कहा कि “ओशो का दर्शन प्रेम, ध्यान और आत्म-ज्ञान पर आधारित है।” उन्होंने बताया कि जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य आत्म-ज्ञान प्राप्त करना है, जो व्यक्ति को अपने वास्तविक स्वरूप की पहचान कराता है। उन्होंने प्रेम को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व बताते हुए कहा कि “प्रेम ही हमें दूसरों से जोड़ता है और जीवन को सार्थक बनाता है।”
कार्यक्रम में माँ अमृत प्रिया द्वारा संचालित दस मिनट के ध्यान प्रयोग ने उपस्थित जन-समूह को आत्म-मंथन की अनुभूति कराई। स्वामी जी ने कहा कि ध्यान मन को शांत करने और भावनाओं को संतुलित रखने का सशक्त माध्यम है। समारोह के दौरान 55 साधकों ने ओशो की नव-संन्यास दीक्षा ग्रहण कर अपने जीवन में नई दिशा और आध्यात्मिकता का संकल्प लिया। यह दीक्षा उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बनी।
कार्यक्रम के समापन पर स्वामी की नई पुस्तक ‘ॐ की महिमा : ओशो की दृष्टि में’ का विमोचन किया गया। इस ग्रंथ में बीएसआर चैनल पर दिए गए सात विशेष साक्षात्कारों का संकलन है। श्रद्धालुओं ने पुस्तक का विमोचन होते ही उत्साहपूर्वक उसे प्राप्त किया।
सत्संग के अंत में उपस्थित सभी जिज्ञासुओं ने आयोजन के सफल संचालन के लिए स्थानीय संयासी बलदेव जी का आभार व्यक्त किया। यह समारोह आध्यात्मिक जागरण, ध्यान की गहराई और प्रेम के संदेश से ओतप्रोत रहा, जिसने सिरसा की शाम को एक दिव्य अनुभूति में बदल दिया।
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