
कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी नहीं रहे, बीकानेर संभाग में शोक की लहर
बीबीएन,बीकानेर,4 अक्टूबर। राजस्थान की राजनीति में “साहब” नाम से विख्यात और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी अब नहीं रहे। दो वर्षों से ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में चल रहे डूडी का निधन हो गया। उनके निधन से बीकानेर संभाग सहित समूचे प्रदेश में शोक की लहर है। दुखद खबर सुनते ही पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रवाना हो गए हैं। वे डूडी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। गहलोत के साथ कांग्रेस के कई दिग्गज़ नेता भी बीकानेर में डूडी के निवास पर पहुंचना शुरू हो गए हैं।

नोखा के बिरमसर गांव में जन्मे रामेश्वर डूडी ने राजनीति की शुरुआत जमीनी स्तर से की थी। उन्होंने पहले नोखा पंचायत समिति के प्रधान के रूप में जनसेवा की राह पकड़ी। इसके बाद वे दो बार जिला प्रमुख, एक बार सांसद और एक बार विधायक रहे। 2013 में वे नोखा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष बने।
राजनीति में अपनी सादगी, स्पष्टवादिता और संगठन कौशल के लिए प्रसिद्ध डूडी को कार्यकर्ता स्नेहपूर्वक ‘साहब’ कहकर पुकारते थे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने मरुधर की राजनीति में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
डूडी के निधन की खबर मिलते ही नोखा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए बीकानेर की ओर रवाना हो रहे हैं। आज सुबह 11 बजे बीकानेर के पूगल रोड स्थित बगेची में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार, समर्थक और प्रदेश भर से पहुंचे नेता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे।
रामेश्वर डूडी की धर्मपत्नी सुशीला डूडी वर्तमान में नोखा विधानसभा से कांग्रेस की विधायक हैं। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। कहा “रामेश्वर डूडी न केवल संगठन के मजबूत स्तंभ थे, बल्कि किसानों और आमजन की आवाज भी।” राजस्थान की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है, जहां संगठन और संघर्ष दोनों का प्रतीक रहे डूडी ने अपनी सादगी से राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया।
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