
बीबीएन, नेटवर्क, 4 सितंबर। जीएसटी परिषद ने किसानों और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कई अहम उत्पादों पर कर की दरों में कमी का ऐलान किया है। परिषद के फैसले के अनुसार उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, कृषि उपकरणों और डेयरी उत्पादों पर कर घटा दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों से त्योहारी सीजन से पहले बाजार में रौनक लौटेगी और खपत को नई गति मिलेगी।
सबसे बड़ा फैसला उर्वरक क्षेत्र को लेकर लिया गया। सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया जैसे प्रमुख कच्चे माल पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इससे उत्पादन लागत में भारी कमी आने की उम्मीद है।
जैव कीटनाशकों पर भी राहत दी गई है। अब नीम-आधारित और अन्य जैविक कीटनाशकों पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। कृषि उपकरणों पर कर घटने से किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। इनमें डीजल इंजन (15 हार्स पावर तक), हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर के नोजल और मिट्टी तैयार करने वाली मशीनें शामिल हैं।
परिषद ने ट्रैक्टर और उसके कलपुर्जों पर भी कर कम किया है। अब टायर-ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप और अन्य हिस्सों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत रहेगा। इससे किसानों के रखरखाव की लागत कम होगी।
डेयरी सेक्टर को भी राहत दी गई है। ‘अल्ट्रा हाई टेंपरेचर’ (यूएचटी) दूध और पनीर को पूरी तरह करमुक्त कर दिया गया है। वहीं मक्खन, कंडेंस्ड मिल्क और पनीर पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा सादी रोटी, पिज्जा ब्रेड और छेना पर कर की दर घटाकर शून्य कर दी गई है।
हालांकि कुछ वस्तुएं महंगी भी होंगी। अतिरिक्त चीनी, मिठास या फ्लेवर वाले पेय पर जीएसटी 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं फलों के गूदे या रस से बने पेय अब सस्ते होंगे क्योंकि उन पर कर घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इन बदलावों से घरेलू खपत में बढ़ोतरी होगी और निजी निवेश को भी सहारा मिलेगा। सरकार का अनुमान है कि तत्काल राजस्व नुकसान के बावजूद आर्थिक गतिविधियों में तेजी से अंततः राजस्व की भरपाई हो जाएगी।
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