
सेना ने गठित की ‘रुद्र ब्रिगेड’, भविष्य के युद्धों की तैयारी में बड़ा कदम
बीबीएन, नेटवर्क, 6 अक्टूबर। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में भारतीय सेना ने एक और निर्णायक कदम उठाया है। एकीकृत थियेटर कमांड के व्यापक विज़न को मूर्त रूप देते हुए सेना की उत्तरी कमान ने ‘रुद्र ब्रिगेड’ का गठन किया है। इस नई ब्रिगेड को ऐसे समय पर तैयार किया गया है जब सीमाओं पर सुरक्षा परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और युद्ध की प्रकृति पारंपरिक मोर्चों से आगे बढ़कर तकनीकी व बहुआयामी हो चुकी है।
आधुनिक युद्धक क्षमताओं से लैस होगी रुद्र ब्रिगेड
रुद्र ब्रिगेड में इंफैंट्री, मेकेनाइज्ड इंफैंट्री, आर्मर्ड यूनिट, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्स और अनमैन्ड एरियल सिस्टम (यूएएस) जैसे आधुनिक युद्धक घटक शामिल किए गए हैं। यह ब्रिगेड न केवल फ्रंटलाइन ऑपरेशन के लिए तैयार की गई है, बल्कि लॉजिस्टिक व कॉम्बैट सपोर्ट के विशेष मिशनों में भी इसकी भूमिका अहम होगी।
कारगिल विजय दिवस पर हुई थी घोषणा
गौरतलब है कि 26वें कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई 2025) पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस नई एकीकृत ब्रिगेड के गठन की घोषणा की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि सेना को भविष्य के युद्धक्षेत्रों के अनुरूप तैयार करने के लिए “एकीकृत और तीव्र प्रतिक्रिया देने वाली इकाइयों” की आवश्यकता है।
भविष्य के युद्धों के लिए तैयार भारत
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रुद्र ब्रिगेड में विशेष बलों और मानवरहित प्रणालियों (Unmanned Systems) का समावेश सेना की रणनीतिक सोच में बड़ा बदलाव दर्शाता है। यह कदम पारंपरिक शक्ति के साथ उभरती तकनीकों के समन्वय की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
रक्षा विश्लेषक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) स्तर के अधिकारी बताते हैं कि “रुद्र ब्रिगेड न केवल सीमाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार होगी, बल्कि यह ‘इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप’ (IBG) की तरह तेज निर्णय और निष्पादन की क्षमता भी रखेगी। इससे जमीनी स्तर पर कमांड और कंट्रोल की प्रक्रिया और अधिक सुदृढ़ होगी।” सेना सूत्रों के अनुसार, इस ब्रिगेड का गठन एकीकृत थियेटर कमांड के निर्माण की दिशा में ‘फील्ड-लेवल मॉडल’ के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में भारतीय रक्षा संरचना में गहरा प्रभाव छोड़ेगा।
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