
बीबीएन, नेटवर्क, 30 जुलाई। राजस्थान पुलिस अब गांवों की सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से ‘ग्राम रक्षक’ के रूप में स्वयंसेवकों की भर्ती करने जा रही है। यह पहल राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 एवं 2020 के संशोधित प्रावधानों के तहत लागू की जा रही है। पुलिस विभाग के अनुसार, चयनित स्वयंसेवकों को दो वर्षों के लिए अवैतनिक रूप से पुलिस के सहायक की भूमिका में तैनात किया जाएगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर पुलिस की पहुँच और सहभागिता को बढ़ाना है। इस पहल के तहत आठवीं पास स्थानीय निवासी जिनकी आयु 40 से 55 वर्ष के बीच है, आवेदन कर सकेंगे।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शर्मा ने एक दिन पूर्व प्रदेशभर के पुलिस अधीक्षकों एवं आयुक्तालयों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में उन्होंने कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस की सक्रियता, जवाबदेही और संवेदनशीलता को ज़रूरी बताया।
इस योजना को समुदाय पुलिसिंग के तहत आगे बढ़ाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी पंकज चौधरी ने बताया कि ग्राम रक्षक बनने के लिए कुछ न्यूनतम मानक निर्धारित किए गए हैं। इसमें शैक्षणिक योग्यता के रूप में कम से कम आठवीं पास होना और स्थानीय निवासी होना आवश्यक है। चौधरी ने कहा कि यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिसिंग की पहुंच बढ़ाने, समाज के साथ विश्वास का रिश्ता मजबूत करने और कानून-व्यवस्था को अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।