
राजस्थान का सपूत धराली आपदा में हुआ शहीद, सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
बीबीएन, नेटवर्क, 14 अक्टूबर। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को बादल फटने से मची तबाही ने कई परिवारों की खुशियां लील लीं। इसी आपदा में लापता हुए राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के भौनावास गांव के 19 वर्षीय अग्निवीर भीम सिंह का शव घटना के 68 दिन बाद मलबे से बरामद हुआ है। डीएनए जांच रिपोर्ट आने के बाद सेना ने उनकी पहचान की पुष्टि की।
भीम सिंह 14 राजपूताना राइफल्स में बतौर अग्निवीर तैनात थे। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। परिजनों ने बताया कि वह 1 नवंबर 2024 को सेना में भर्ती हुए थे और प्रशिक्षण पूरा कर 5 जून 2025 को पासआउट हुए थे।
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इसके बाद उनकी पोस्टिंग हर्षिल (उत्तराखंड) में हुई थी। रविवार सुबह भीम के बड़े भाई कंवरपाल सिंह को उनके सीओ हर्षवर्धन सिंह का फोन आया। कॉल में उन्हें जानकारी दी गई कि डीएनए मिलान के बाद भीम सिंह की शहादत की पुष्टि हो चुकी है।
परिवार के लिए यह खबर असहनीय थी। दादा ओनाड सिंह, जो खुद सेना से हवलदार के पद से रिटायर्ड हैं, ने बताया कि भीम की मां विनोद कंवर ब्लड प्रेशर की मरीज हैं और पिता महेश सिंह बुजुर्ग हैं, इसलिए परिवार ने अब तक उन्हें यह दुखद समाचार नहीं बताया है।5 अगस्त को जब धराली गांव में बादल फटा, तो कुछ ही सेकंड में खीर गंगा नदी उफान पर आ गई और पूरे गांव को मलबे में दबा दिया। सेना की टीम लगातार खोज में जुटी रही, पर कई जवान लापता रहे।
सेना की ओर से सोमवार को सूचना दी गई कि भीम सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव लाया जाएगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। भौनावास गांव में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी और सैकड़ों ग्रामीण इस वीर सपूत को अंतिम विदाई देंगे।गांव के लोगों ने कहा कि भीम सिंह की शहादत ने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डाल दिया है। उनका साहस और कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन जाएगी।
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