
बीबीएन,बीकानेर,4 अगस्त। शहर के रामपुरा बस्ती से रविवार को इंसानियत को झकझोर देने वाली एक तस्वीर सामने आई। यहां के लोगों ने एक मानसिक रूप से बीमार महिला को बिजली के खंभे से बांध दिया। वजह बताई जा रही है—कारों के शीशे तोड़ना, बच्चों पर हमला करने की आशंका और मोहल्ले में कीचड़ फेंकना। लेकिन सवाल यह है कि जब एक महिला बीमार है, तो क्या उसके लिए यही व्यवहार उचित था?
महिला की हालत को देखकर भी नहीं पसीजे दिल
बताया जा रहा है कि यह महिला लंबे समय से मानसिक रूप से अस्वस्थ है और इसी इलाके में रह रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर उन्होंने खुद ही उसे बिजली के खंभे से बांध दिया।
अर्धनग्न हालत में तड़पती रही महिला
सबसे व्यथित कर देने वाला दृश्य तब सामने आया जब खंभे से बंधी महिला खुद को छुड़ाने के लिए ज़मीन पर लेट गई। हाथ-पैर पटकती रही, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। इस दौरान उसके कपड़े भी खुल गए और वह अर्धनग्न अवस्था में वहीं पड़ी रही। बाद में मोहल्ले के कुछ लोगों ने उसे खोला, लेकिन महिला अब भी वहीं रामपुरा बस्ती की गलियों में भटक रही है,अकेली, असहाय, और उपेक्षित।
पुलिस आई… देखती रही… लौट गई
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना की जानकारी मुक्ता प्रसाद नगर थाने में दी गई थी। कॉन्स्टेबल मौके पर आए भी, लेकिन उन्होंने न तो महिला को शिफ्ट किया और न ही कोई प्राथमिक इलाज की व्यवस्था करवाई। मामला एसपी कावेंद्र सिंह सागर तक पहुंच चुका है, पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
बच्चों की सुरक्षा की चिंता में था मोहल्ला
लोगों का डर भी कहीं से बेबुनियाद नहीं कहा जा सकता। मोहल्ले के छोटे-छोटे बच्चे इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। महिला की मानसिक हालत अस्थिर होने के कारण उसके व्यवहार में हिंसा की आशंका भी जताई गई। लेकिन यह भी सच है कि एक बीमार को बांध देना, उसकी अस्मिता को तार-तार कर देना, समाज की असंवेदनशीलता को उजागर करता है।