
बीबीएन, बीकानेर, 16 अक्टूबर। शहर के के.ई.एम. रोड स्थित दो दुकानों को लेकर चल रहे 11 साल पुराने किरायेदारी विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया। न्यायालय के आदेश और पुलिस की मौजूदगी में गुरुवार को दुकानों का कब्जा दुकान मालकिन रतनी देवी को सौंपा गया। इस कार्रवाई के साथ ही एक दशक से अधिक समय से लंबित विवाद का अंत हुआ।
करीब 11 वर्ष पहले रतनी देवी ने अपने किरायेदार उषा (पत्नी गोपीकिशन, निवासी पारीक चौक) और नारायण (पुत्र बृजमोहन, निवासी आसानियों का चौक) के खिलाफ किराया अधिकरण, बीकानेर में याचिका दायर की थी। उन्होंने न्यायालय से निवेदन किया था कि दोनों किरायेदार वर्षों से दुकान खाली नहीं कर रहे हैं।
न्यायालय ने 12 अप्रैल 2019 को रतनी देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दुकानों की डिक्री पारित की थी। इसके बाद किरायेदारों ने अपील की, लेकिन अधिकरण ने मूल निर्णय को बरकरार रखा। अंततः पीठासीन अधिकारी श्री शाजिद हुसैन छींपा ने 20 सितंबर 2025 को पुलिस इमदाद के साथ बेदखली वारंट जारी किया।
गुरुवार को इस आदेश के अनुपालन में सैल आमिन श्री सत्यनारायण शर्मा, कोटगेट थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों दुकानों को विधिसम्मत तरीके से खाली करवाया गया। कब्जा औपचारिक रूप से रतनी देवी को सौंपा गया। कानूनी पक्ष की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार पुरोहित ने की। न्याय मिलने के बाद रतनी देवी ने कहा, “न्याय में देर भले हो, लेकिन न्याय अवश्य मिलता है।”