
बीबीएन, नेटवर्क। राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेन को गांजा तस्करी का जरिया बनाने की एक बड़ी कोशिश नाकाम कर दी गई। हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस के सेकेंड एसी कोच से सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को तीन गांजा तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पकड़े गए युवकों के पास से 42 किलो गांजा बरामद किया गया है, जिसकी बाजार में अनुमानित कीमत 6.30 लाख रुपये बताई जा रही है।
गौरतलब है कि आरपीएफ, सीआईबी और रेल पुलिस की संयुक्त टीम ने धनबाद स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर कमान संभाली। संदेह के आधार पर ए-वन और ए-2 कोच में तलाशी ली गई, जहां ट्रॉली बैग में छिपा कर रखा गया गांजा मिला। हर बैग में 14-14 पैकेट थे, प्रत्येक पैकेट में एक-एक किलो गांजा भरा हुआ था।
ओडिशा से प्रयागराज तक बिछा था नेटवर्क
पकड़े गए आरोपियों की पहचान नालंदा निवासी 18 वर्षीय सौरभ कुमार, 24 वर्षीय अखिलेश मोहन और सिवान के रहने वाले 21 वर्षीय रंजीत कुमार के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में तीनों ने स्वीकार किया कि वे ओडिशा के अंगुल निवासी संजय नामक व्यक्ति से गांजा लेकर चले थे। राजधानी एक्सप्रेस से प्रयागराज पहुंचकर रामकुमार नामक एक अन्य शख्स को यह खेप सौंपनी थी। इसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिलने वाली थी।
साजिश में शामिल हाईवे गैंग की आहट
इस तस्करी में अंतरराज्यीय गिरोह की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। हरियाणा, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के तार एक-दूसरे से जुड़ते दिख रहे हैं। रंजीत की वर्तमान लोकेशन हरियाणा के पानीपत की बताई जा रही है, जो इस नेटवर्क की जड़ें और गहरी होने का संकेत देती है।
ऑपरेशन में 19 सदस्यीय टीम ने निभाई अहम भूमिका
पूरी कार्रवाई को सफल बनाने में आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय प्रकाश के नेतृत्व में 19 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम तैनात थी। इसमें एसआई मनीषा कुमारी, एसआई पालिक मिंज, सीआईबी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार राम, जीआरपी एएसआई नंदलाल राम सहित अन्य शामिल रहे।
आपराधिक मुकदमा दर्ज, जांच तेज
तीनों आरोपियों के खिलाफ धनबाद रेल थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बरामद मोबाइल फोन, नकद 2100 रुपये और अन्य सामान जब्त कर जांच एजेंसियां अब इस गिरोह के विस्तृत नेटवर्क की पड़ताल में जुटी हैं।
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