
बीबीएन, नेटवर्क, 9 सितंबर। अमेरिका की दूसरी यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने सोमवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया। अदालत ने ट्रंप द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पत्रकार और लेखिका ई. जीन कैरोल को दिए गए 83.3 मिलियन डॉलर (करीब 693 करोड़ रुपये) के हर्जाने को रद्द करने की मांग की गई थी।
ये है पूरा मामला
ट्रंप ने तर्क दिया कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 2024 में आए फैसले के तहत उन्हें व्यापक आपराधिक इम्यूनिटी मिली है, जो नागरिक मुकदमों में भी लागू होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में दिए गए उनके बयान राष्ट्रपति पद की आधिकारिक जिम्मेदारियों का हिस्सा थे। यदि उन्हें यह छूट नहीं मिलती तो कार्यपालिका की शक्ति कमजोर हो जाएगी। हालांकि अदालत ने ट्रंप की सभी दलीलों को खारिज कर दिया।
अब तक की कानूनी प्रक्रिया
मई 2023 में एक अन्य जूरी ने ट्रंप को 5 मिलियन डॉलर (करीब 42 करोड़ रुपये) का हर्जाना देने का आदेश दिया था। जून 2024 में दूसरी सर्किट कोर्ट ने इस फैसले को कायम रखा। वहीं जनवरी 2024 में आए 83.3 मिलियन डॉलर के फैसले में से 18.3 मिलियन डॉलर कैरोल की प्रतिष्ठा और मानसिक क्षति के लिए तथा 65 मिलियन डॉलर दंडात्मक हर्जाने के रूप में शामिल थे।
ट्रंप के वकीलों और व्हाइट हाउस की ओर से इस फैसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं कैरोल ने इसी वर्ष जून में अपनी नई किताब Not My Type: One Woman vs a President प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने ट्रंप के खिलाफ अपने कानूनी संघर्ष का विस्तार से वर्णन किया है। यह मामला ट्रंप के वर्तमान कार्यकाल में उनके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कैरोल की पृष्ठभूमि
81 वर्षीय ई. जीन कैरोल, जो पूर्व में Elle मैगजीन की कॉलमिस्ट रह चुकी हैं, ने आरोप लगाया था कि 1990 के दशक में न्यूयॉर्क के एक डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में ट्रंप ने उनका यौन शोषण किया था। ट्रंप ने 2019 में इन आरोपों को नकारते हुए इसे कैरोल की किताब बेचने की रणनीति बताया था।
अदालत का अंतिम फैसला
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जूरी द्वारा दिए गए हर्जाने का फैसला इस मामले की गंभीरता और परिस्थितियों को देखते हुए उचित है। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप इस मामले में राष्ट्रपति पद की इम्यूनिटी का दावा नहीं कर सकते।
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