
बीबीएन नेटवर्क, 27 जुलाई। आठ साल बाद टीम इंडिया में वापसी करने वाले करुण नायर को इंग्लैंड दौरे के शुरुआती तीन टेस्ट मुकाबलों में मौका मिला, लेकिन वह खुद को साबित नहीं कर सके। लगातार असफलताओं के चलते चौथे टेस्ट की प्लेइंग-11 से उन्हें बाहर कर दिया गया। उनकी जगह बाएं हाथ के बल्लेबाज़ साई सुदर्शन को मैदान में उतारा गया, जिन्होंने पहली पारी में अर्धशतक जड़ा, लेकिन दूसरी में बिना खाता खोले लौट गए।
हालांकि नायर को बाहर किए जाने के पीछे की वजह महज़ फॉर्म नहीं थी। टीम इंडिया के बल्लेबाज़ी कोच सितांशु कोटक ने चौथे दिन के खेल के बाद स्पष्ट किया कि चयन फॉर्म के आधार पर नहीं, बल्कि दबाव प्रबंधन की रणनीति के तहत किया गया।
दबाव से बचाने की रणनीति
कोटक ने कहा, “प्लेइंग-11 का चयन गौतम और शुभमन गिल की सलाह से होता है। अगर मैं सेलेक्शन का हिस्सा भी होता, तब भी शायद मैं इस विषय में खुलकर बात नहीं करता। टीम मैनेजमेंट नायर को दबाव से मुक्त रखना चाहता था। उनका समर्थन लगातार किया जा रहा है। यह कहना गलत होगा कि उन्हें ड्रॉप कर दिया गया है। कई बार टीम को लगता है कि खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है, और ऐसे में बदलाव जरूरी हो जाता है।”
अच्छी शुरुआत, लेकिन बड़ी पारी नहीं
नायर ने सीरीज की छह पारियों में 131 रन बनाए, जिसमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर 40 रन रहा। हर बार अच्छी शुरुआत के बाद वह बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। दबाव में आकर उन्होंने कई बार गलत शॉट खेले और आउट हो गए।
क्या फिर मिलेगी जगह?
करुण नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक जड़ा था, लेकिन उसके बाद उनका करियर ढलान पर चला गया। घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन के दम पर आठ साल बाद उन्हें टीम में जगह मिली थी, लेकिन वापसी उम्मीद के मुताबिक नहीं रही।
अब सवाल यही है कि क्या करुण नायर को आने वाली सीरीज में फिर से मौका मिलेगा या नहीं? टीम मैनेजमेंट का भरोसा कायम है, लेकिन अगले कुछ मुकाबले उनके भविष्य की दिशा तय कर सकते हैं।
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