
बीबीएन, नेटवर्क ,14 अगस्त। राजस्थान में आपराधिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे बेखौफ वारदातों को अंजाम देकर कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। ताज़ा मामला अजमेर ज़िले का है, जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व पंचायत समिति सदस्य गंगाराम रावत (50) की संदिग्ध हालात में मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया। उनका शव देर रात श्रीनगर थाना क्षेत्र के नौलखा इलाके में सड़क किनारे मिला, जिसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
हत्या का आरोप, परिजनों का धरना
गंगाराम रावत का शव अजमेर के जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। परिवार और समर्थकों ने मोर्चरी के बाहर ही धरना देकर दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उनका कहना था कि जब तक अपराधियों को पकड़ा नहीं जाता, वे शव नहीं लेंगे। तनावपूर्ण माहौल के बीच पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। शाम करीब पांच बजे, पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।
आख़िरी दिन की कहानी
मृतक के भाई सेतु सिंह के अनुसार, सोमवार शाम करीब 6 बजे गंगाराम श्रीनगर क्षेत्र में किसी से रुपए लेने गए थे। देर रात तक घर न लौटने पर उनकी पत्नी ने फोन किया, लेकिन कुछ देर बाद उनके बेटे हंसराज को एक अज्ञात कॉल आया कि नौलखा क्षेत्र में एक शव पड़ा है। परिवार के लोग वहां पहुंचे और गंगाराम को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुरानी रंजिश का शक
परिवार का आरोप है कि गंगाराम के सिर पर गहरी चोट के निशान थे, जो साफ तौर पर हत्या की ओर इशारा करते हैं। मृतक के भाई ने बताया कि कुछ दिन पहले कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने को लेकर उनका विवाद हुआ था और उसके बाद उन्हें धमकियां भी मिली थीं। परिजनों का मानना है कि इसी रंजिश के चलते यह हत्या की गई है।
पुलिस जांच में जुटी
श्रीनगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर एफएसएल टीम को बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए हैं। पुलिस मामले की हर पहलू से गहन जांच कर रही है।
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