
बीबीएन, नेटवर्क, 19 सितंबर। सूबे में आने वाले दिनों में मरीजों को दवाइयों की कमी झेलनी पड़ सकती है। राज्य की सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत बकाया भुगतान न मिलने और कथित गड़बड़ियों से आक्रोशित केमिस्टों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक विजयवर्गीय ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनके मुताबिक करीब 880 करोड़ रुपये का भुगतान अटका हुआ है और आरजीएचएस पोर्टल से तीन लाख से अधिक बिल गायब हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों और तीसरे पक्ष प्रशासक (टीपीए) की मनमानी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सचिन गोयल और सचिव रवि गुप्ता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा। उनका कहना है कि सरकार की ओर से 21 दिन में भुगतान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन छह से सात महीने बीत जाने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली।
विजयवर्गीय ने यह भी दावा किया कि वित्तीय संकट इतना गहरा गया है कि कई केमिस्ट अपने बच्चों की स्कूल फीस तक भर पाने में असमर्थ हैं। बढ़ते कर्ज और दबाव के कारण कई दुकानें बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में पांच हजार से अधिक केमिस्ट परिवार न्याय और बकाया भुगतान की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। यदि विवाद जल्द नहीं सुलझा तो राजस्थान में आम जनता को आवश्यक दवाइयों की भारी किल्लत झेलनी पड़ सकती है।
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