
बीबीएन, नेटवर्क, 26 जुलाई। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर कश्मीर में आतंक का ज़हर घोलने की तैयारी में हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संरक्षण में दोनों संगठनों ने जिहादी गतिविधियों को तेज़ कर दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार लश्कर ने “जिहाद” के नाम पर एक नया टीवी चैनल शुरू किया है, जो पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में युवाओं को भारत के खिलाफ उकसाने का काम कर रहा है।
इस टीवी चैनल का संचालन जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट (JKUM) के बैनर तले किया जा रहा है, जो कि दिखावे में एक धार्मिक-पॉलिटिकल संगठन है, लेकिन दरअसल लश्कर का ही एक छद्म संगठन जमात-उद-दावा से जुड़ा हुआ है।
सोशल मीडिया बना आतंक का नया हथियार
सूत्रों के अनुसार, लश्कर और जैश के कमांडर लगातार जिहादी वीडियो तैयार कर रहे हैं और उन्हें YouTube, Instagram, Telegram जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रचारित किया जा रहा है। इन वीडियो और ऑडियो संदेशों में कश्मीर को लेकर जहरीले भाषण और भड़काऊ सामग्री होती है, जो सीधे तौर पर घाटी के युवाओं को गुमराह करने का काम कर रही है।
सीमा पार फिर शुरू हुए आतंकी प्रशिक्षण शिविर
उधर, सीमा पार जैश और लश्कर ने अपने पुराने ट्रेनिंग कैंपों को न केवल दोबारा सक्रिय किया है, बल्कि कुछ नए कैंप भी स्थापित कर लिए हैं। इनमें से एक बड़ा कैंप जम्मू के सांबा सेक्टर के सामने पाकिस्तान के नारोवाल क्षेत्र में खोला गया है। इन शिविरों में पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते – स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप और BAT – आतंकियों को घातक प्रशिक्षण दे रहे हैं।
सुरक्षाबलों की पैनी निगाह
हालांकि भारत के सुरक्षा बलों की इन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी है। सूत्र बताते हैं कि लश्कर और जैश के कई शीर्ष कमांडर आए दिन गुलाम कश्मीर में रैलियां कर रहे हैं, और भारत विरोधी माहौल तैयार करने में जुटे हैं। मुठभेड़ों में मारे गए आतंकियों के परिवारों को मंचों पर सम्मानित कर, उन्हें ‘शहीद’ बताकर युवाओं में सहानुभूति पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
भारत विरोधी एजेंडे के पीछे ISI का संचालन
इस पूरी मुहिम की रूपरेखा ISI द्वारा तैयार की गई है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना और युवाओं को मुख्यधारा से भटका कर आतंकवाद की राह पर धकेलना है। टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर माध्यम का इस्तेमाल कर यह प्रचार किया जा रहा है कि कश्मीर ‘अधिकार’ की नहीं, बल्कि ‘जिहाद’ की ज़मीन है।